अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) के भुज (Bhuj) स्थित श्री सहजानंद बालिक संस्थान (Shri Sahjanand Girls’ Institute) में कथित तौर पर 68 छात्राओं के अंडरगार्मेंट (Undergarments) उतरवाने के मामले में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Chief Minister Vijay Rupani) ने सख्स कार्रवाई के आदेश दिए हैं. खबरों के अनुसार, श्री सहजानंद बालिका संस्थान (SSGI) की हॉस्टल वार्डन (Hostel Warden) की शिकायत पर कथित रुप से करीब 68 छात्राओं के पीरियड्स यानी मासिक धर्म (Periods) की जांच करने के लिए प्रिंसिपल द्वारा उनके अंडरगार्मेंट उतरवाए गए. पीड़ित छात्राएं कॉलेज हॉस्टल में रहती हैं और सभी अंडरग्रेजुएट छात्राएं हैं. इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद सख्स कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.
छात्राएं मासिक धर्म कर रही हैं या नहीं, यह जांचने के लिए 68 छात्राओं के इनर वियर उतरवाए जाने के मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि सरकार ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और गृह विभाग व शिक्षा विभाग को सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं. इस मामले में कल एफआईआर दर्ज की गई थी.
देखें ट्वीट-
Gujarat CM Vijay Rupani on 68 female students in Bhuj asked to remove inner-wear to prove they were not menstruating: Government has taken the incident very seriously and issued orders to home department & education department to take strict action. FIR was lodged yesterday. pic.twitter.com/S89FEgB8l4
— ANI (@ANI) February 15, 2020
अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, हॉस्टल वार्डन ने शिकायत की थी कि मासिक धर्म वाली लड़कियों ने हॉस्टल की रसोई में प्रवेश किए और कैंपस में मौजूद मंदिर परिसद में भी गई थीं, जिसके बाद कॉलेज की प्रिंसिपल के निर्देश पर 68 लड़कियों को टॉयलेट में ले जाकर उन्हें अंडरगार्मेंट्स हटाने के लिए मजबूर किया गया. यहां की छात्राओं का कहना है कि प्रिंसिपल, हॉस्टल प्रशासन और ट्रस्टी उन्हें मासिक धर्म के मुद्दे पर नियमित रूप से परेशान करते हैं. यह भी पढ़ें: गुजरात: भुज में वार्डन की शिकायत पर प्रिंसिपल ने छात्राओं के उतरवाए अंडरगारमेंट, पीरियड के दौरान मंदिर और किचन में जाने का लगाया आरोप
गौरतलब है कि एसएसजीआई की स्थापना साल 2012 में हुई थी और इसका संचालन स्वामीनारायण मंदिर के अनुयायियों द्वारा किया जाता है. इस कॉलेज में बीकॉम, बीए और बीएससी के कोर्स चलाए जाते हैं और करीब 1,500 छात्राएं यहां पढ़ती हैं, जबकि दूर-दराज के गावों से आई 68 छात्राओं को कॉलेज कैंपस में हॉस्टल की सुविधा दी गई है. कॉलेज के नियमों के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान छात्राओं के मंदिर, रसोई घर में प्रवेश और अन्य छात्रों को छूने पर पाबंदी लगाई गई है.