अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) के भुज (Bhuj) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां के श्री सहजानंद बालिका संस्थान (Shri Sahjanand Girls’ Institute) में कथित तौर पर हॉस्टल वार्डन की शिकायत पर 68 लड़कियों के पीरियड (मासिक धर्म) जांचे गए. सभी लड़कियां अंडरग्रेजुएट छात्र है और वहीं हॉस्टल में रहती है. फिलहाल इस मामलें की शिकायत पुलिस में नहीं दर्ज कराई गई है.
अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक एसएसजीआई (SSGI) की प्रिंसिपल के निर्देश पर 68 लड़कियों को टॉयलेट में ले जाकर अंडरगारमेंट्स हटाने के लिए मजबूर किया गया. जिससे यह पता चल सके की उन्हें पीरियड आया है या नहीं. दरअसल हॉस्टल वार्डन ने शिकायत की थी कि मासिक धर्म वाली लड़कियों ने हॉस्टल के रसोई में प्रवेश किया और कैंपस में मौजूद मंदिर परिसर भी गई थी और अपने साथी छात्राओं को भी छुआ. जिसके बाद कॉलेज की प्रिंसिपल ने हॉस्टल की 68 छात्राओं को कॉलेज से वाशरूम तक परेड करने के लिए मजबूर किया. गुजरात: सूरत में खंभे से टकराकर कार में लगी आग, बाल-बाल बची शख्स की जान
क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय (Krantiguru Shyamji Krishna Verma Kutch University) के प्रभारी कुलपति ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है. दरअसल कॉलेज ने नियम बनाया हुआ है कि मासिक धर्म वाली छात्राओं को मंदिर और रसोई घर में प्रवेश नहीं करना है और उन्हें अन्य छात्रों को छूने की भी मनाई है.
साल 2012 में स्थापित एसएसजीआई को स्वामीनारायण मंदिर के अनुयायियों द्वारा संचालित किया जाता है. इस कॉलेज में बीकॉम, बीए और बीएससी कोर्स चलाया जाता है, जहां करीब 1,500 छात्राएं पढ़ती है. जिनमें से दूरदराज के गांवों से आए 68 छात्राओं के लिए कैंपस में हॉस्टल की सुविधा दी गई है.
छात्राओं ने किया विरोध-
हॉस्टल की एक छात्रा ने कहा कि वार्डन ने बुधवार को हम पर आरोप लगाकर अपमान किया. इसके बाद गुरुवार को हमें लेक्चर से जबरन बाहर बुलाकर प्रिंसिपल ने खूब डाटा. इसके बाद महिला टीचरों ने हमें वॉशरूम में ले जाकर एक-एक कर पीरियड की जांच की. जबकि एक अन्य छात्रा का आरोप है कि प्रिंसिपल, हॉस्टल प्रशासन और ट्रस्टी हमें मासिक धर्म के मुद्दे पर नियमित रूप से परेशान करते हैं.
उधर, कॉलेज की प्रिंसिपल ने इस पूरे मामलें पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. जबकि एसएसजीआई के एक ट्रस्टी ने कहा कि हम एक धर्मार्थ संगठन चलाते हैं. चूंकि संस्थान में परिसर में एक मंदिर है, इसलिए लड़कियों को संप्रदाय के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है. हालाँकि उन्होंने छात्रों के साथ हुए व्यवहार को गलत बताते हुए कार्रवाई की बात कही है.