Gujarat Bridge Collapse: लापरवाही के चलते हुआ हादसा? बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के खोला गया मोरबी पुल
इस हैंगिंग ब्रिज (केबल पुल) का निर्माण मोरबी राजवंश के शासन सर वाघाजी ठाकोर ने लगभग 150 साल पहले करवाया था, और इसकी लंबाई 233 मीटर है और यह 4.6 फीट चौड़ा है.
मोरबी (गुजरात), 30 अक्टूबर: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम केबल पुल हादसे में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हैं. हादसे के मद्देनजर मोरबी नगर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.वी. जाला ने चौंकाने वाले खुलासे में कहा कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को जनता के लिए खोल दिया गया. Gujarat Bridge Collapse: मोरबी में पुल गिरने से अबतक 60 लोगों की मौत, हादसे पर PM मोदी ने CM भूपेंद्र पटेल से की बात
जाला ने स्थानीय मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "लंबे समय तक यह पुल जनता के लिए बंद रहा.. सात महीने पहले, एक निजी कंपनी को नवीनीकरण और रखरखाव के लिए अनुबंध दिया गया था, और निजी कंपनी द्वारा 26 अक्टूबर (गुजराती नव वर्ष दिवस) पर जनता के लिए पुल को फिर से खोल दिया गया था. नगर पालिका ने फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है."
उन्होंने यहां तक दावा किया कि हो सकता है कि कंपनी को इंजीनियरिंग कंपनी से फिटनेस सर्टिफिकेट मिला हो, लेकिन उसे आज तक नगर पालिका को जमा नहीं किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने स्वयं और नगर निकाय को सूचित किए बिना जनता के लिए पुल को फिर से खोल दिया.
पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी मीडिया को बताया कि आम तौर पर जब पुलों का निर्माण या जीर्णोद्धार किया जाता है, तो इसे जनता के लिए खोलने से पहले, तकनीकी मूल्यांकन आवश्यक होता है, और भार वहन क्षमता का परीक्षण किया जाता है इसके बाद ही संबंधित प्राधिकरण द्वारा एक उपयोग प्रमाणपत्र जारी होता है.
इस हैंगिंग ब्रिज (केबल पुल) का निर्माण मोरबी राजवंश के शासन सर वाघाजी ठाकोर ने लगभग 150 साल पहले करवाया था, और इसकी लंबाई 233 मीटर है और यह 4.6 फीट चौड़ा है.