अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) के अरावली (Aravalli) जिले से हत्या का एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. राज्य की पुलिस द्वारा की गई छानबीन पर तब सवाल खड़े हो गए जब मृत घोषित हो चुका एक मजदूर कुछ महीने बाद जिंदा घर लौट आया. इतना ही नहीं पुलिस ने मजदूर के दो भाइयों को उसकी ही हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना अरावली जिले के खारपाड़ा (Kharpada) गांव की है. पेशे से मजदूर ईश्वर मनत (Ishvar Manat) के घर लौटने से अफरातफरी मच गई, क्योकि पुलिस का दावा था कि भाईयों ने उसकी हत्या कर दी है और फरवरी में मजदूर का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था. गुजरात में कोरोना वायरस के 1,332 नये मामले सामने आये, 15 और लोगों की मौत
घटना इसरी पुलिस स्टेशन (Isri Police Station) के अधिकार क्षेत्र के तहत हुई है. गांधीनगर (Gandhinagar) के महानिरीक्षक अभय चूड़ासमा (Abhay Chudasama) ने इस चूक के लिए इंस्पेक्टर आरआर तबियाद (RR Tabiyad) को निलंबित कर दिया. साथ ही पूरे मामले के जांच के आदेश दिए है.
इस साल फरवरी में जिले के मोती मोरी (Moti Mori) गांव में एक व्यक्ति की लाश मिली थी. स्थानीय लोगों और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जिसे ईश्वर मनत का शव बताया था. दरअसल शव के पैर में एक लोहे की छड़ पाई गई थी और मनत के पैर में भी एक ऐसी ही छड़ थी. जिसके चलते पुलिस ने आसानी से इस बात की पुष्टी कर दी.
इसके बाद जांच अधिकारियों ने मनत के दो भाइयों को पकड़ा और पूछताछ के दौरान कथित तौर पर हत्या की बात कबूल करवा ली और उन्हें जेल भेज दिया. हालांकि अब पोल खुलने के बाद पुलिस पर जबरन अपराध कबूल करवाने के आरोप लग रहे है. ईश्वर मनत ने कहा कि वह कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर लॉकडाउन लगने के कारण जूनागढ़ (Junagarh) में फंस गया था.
कुछ ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा (Amroha) जिले से सामने आया था, जहां एक व्यक्ति को उसके दो बेटे समेत 20 वर्षीय लड़की की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. लगभग 18 महीने बाद लड़की अपने प्रेमी के साथ रहते हुए पाई गई थी.