Gujarat 2022: भाजपा की ऐतिहासिक जीत, मोरबी पुल हादसा, बिल्किस बानो मामला बना सुर्खियां
गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रिकॉर्ड 156 सीट पर जीत, मोरबी में पुल गिरने से 135 लोगों की मौत और बिल्कीस बानो मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई जैसे मुद्दे 2022 में राज्य में चर्चा में रहे.
अहमदाबाद, 26 दिसंबर गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रिकॉर्ड 156 सीट पर जीत, मोरबी में पुल गिरने से 135 लोगों की मौत और बिल्कीस बानो मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई जैसे मुद्दे 2022 में राज्य में चर्चा में रहे. भाजपा ने राज्य में लगातार सातवीं बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की, जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का मनोबल बढ़ा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने केवल 17 सीटों पर, जबकि पहली बार राज्य में किस्मत आजमां रही आम आदमी पार्टी (आप) ने पांच सीट पर जीत दर्ज की. यह भी पढ़ें: भाजपा की सत्ता में हुई वापसी, प्राकृतिक आपदाओं ने बढ़ाई लोगों की परेशानी
गुजरात के मोरबी जिले में मच्छु नदी पर बना ब्रिटिश काल का पुल 30 अक्टूबर को ढह गया था और हादसे में महिलाओं, बच्चों सहित 135 लोगों की जान चली गई थी. गुजरात में शराबबंदी के बावजूद बोटाद जिले में जुलाई में जहरीली शराब पीने से 50 लोगों की मौत हो गई.
कानूनी दांव-पेच की बात करें तो राज्य में फरवरी में एक अदालत ने रिकॉर्ड 38 लोगों को अहमदाबाद में 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई और 11 अन्य को आजीवन कारावास की सजा दी. इन बम धमाकों में 56 लोग मारे गए थे.
गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगे 20 साल बाद एक बार फिर चर्चा में आए, जब बिल्किस बानो से सामूहिक बलात्कार करने और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 11 दोषियों को अगस्त में जेल से रिहा कर दिया गया. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि अब यह उच्चतम न्यायालय पहुंच गया है.
शीर्ष अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 63 अन्य को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखा। इसके बाद पुलिस ने कथित तौर पर दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों आर. बी. श्रीकुमार तथा संजीव भट्ट को जून में गिरफ्तार कर लिया.
सामाजिक मोर्चे की बात करें तो अक्टूबर में एक गरबा कार्यक्रम में कथित पथराव के बाद उंढेला गांव में पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के युवकों की सरेआम पिटाई की. सूरत में कॉलेज छात्रा ग्रीष्मा वेकारिया की उसके परिवार के सदस्यों के सामने फेनिल गोयानी ने दिनदहाड़े हत्या कर दी जिससे शहर में सनसनी फैल गई। गोयानी के प्रेम प्रस्ताव को छात्रा ने ठुकरा दिया था.
सुरक्षा एजेंसियों ने गुजरात में इस साल करोड़ों रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए, जिससे राज्य में प्रतिबंधित पदार्थों की बढ़ती तस्करी की बात सामने आई. अप्रैल में कांडला बंदरगाह के पास से 1430 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की गई. इसी महीने भारतीय तट रक्षक ने 280 करोड़ रुपये की हेरोइन ले जा रही एक पाकिस्तानी नाव को जब्त किया और चालक दल के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया.
मुंद्रा बंदरगाह के पास से जुलाई में 376 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की गई.
जनवरी में कनाडा-अमेरिका सीमा पर डिंगुचा गांव के एक परिवार के चार लोगों की मौत के बाद गुजरात से अमेरिका में अवैध प्रवास का मुद्दा सामने आया। जगदीश पटेल, उनकी पत्नी और दो बच्चों की कनाडा में अमेरिकी सीमा से कुछ ही मीटर की दूरी पर बर्फीले मौसम की चपेट में आने से मौत हो गई थी.
घटना के बाद पुलिस ने अवैध मानव तस्करी में शामिल कई एजेंट पर कार्रवाई की थी. विदेशी आगुंतकों की यात्रा को लेकर भी राज्य इस साल चर्चा में रहा, अप्रैल में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम का दौरा किया, जहां से महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था.
जॉनसन साबरमती आश्रम का दौरा करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री थे. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अक्टूबर में भारत के सौर ऊर्जा से संचालित पहले गांव मोढेरा का दौरा किया. गांधीनगर ने पहली बार अक्टूबर में ‘डिफेंस एक्सपो’ की मेजबानी की, जिसने स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं का प्रदर्शन करने के साथ ही भारी निवेश आकर्षित किया.
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