GDP Growth Slows: भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार में गिरावट दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2024 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7% रही, जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे कम है. पिछले साल इसी तिमाही में यह दर 8.2% थी. इस गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक है सरकारी खर्च में कमी. लोकसभा चुनावों के बाद, सरकारी खर्च में आई मंदी का सीधा असर आर्थिक वृद्धि पर पड़ा. विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि वृद्धि दर में गिरावट आई है, लेकिन भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का टैग बरकरार रखेगा.
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हालांकि पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में गिरावट आई है, लेकिन उम्मीद है कि अगले कुछ तिमाहियों में स्थिति में सुधार हो सकता है. अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टर्स में उछाल और ग्लोबल मार्केट्स की सकारात्मक स्थितियों से भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से तेज गति पकड़ सकती है.
कौन से सेक्टर में कितनी गिरावट और कहां दिखी उछाल?
एग्रीकल्चर और माइनिंग जैसे अहम सेक्टर में गिरावट देखी गई है. एग्रीकल्चर सेक्टर में ग्रोथ घटकर 2% पर आ गई है, जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में यह 3.7% थी. वहीं, इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में उछाल देखा गया, जहां ग्रोथ दर 10.4% रही, जो पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर है. इसके अलावा, माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, पब्लिक एडमिन एंड सर्विस और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई है.
आरबीआई और SBI का क्या था अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.2% लगाया था. हालांकि, वास्तविक दर 6.7% रही. दूसरी तिमाही के लिए RBI का अनुमान 7.2%, तीसरी तिमाही के लिए 7.3%, और चौथी तिमाही के लिए 7.2% है. SBI रिसर्च ने भी पहली तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.1% लगाया था, जो हकीकत में 6.7% रही. मूडीज रेटिंग्स ने भी भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 2024 के लिए 7.2% और 2025 के लिए 6.6% के बीच रखा है.