'पोषण स्मार्ट विलेज' पहल शुरू करेगी सरकार, कुपोषण के खिलाफ भारत के अभियान को मिलेगी मजबूती
कुपोषण (Photo Credits: Wikimedia Commons)

स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव के तहत पोषण अभियान को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार “न्यूट्रिशन स्मार्ट विलेज” पर विशेष कार्यक्रम शुरू करेगी. यानि सरकार पोषण अभियान को मजबूती देने के लिए अब ‘पोषण स्मार्ट गांव’ पर कार्यक्रम शुरू करेगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने जानकारी दी कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य पूरे भारत के 75 गांवों तक पहुंच बनाना है. इन गांवों को कृषि गतिविधियों में शामिल महिलाओं पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी-डब्ल्यूआईए) के नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जो 12 राज्यों के 13 केंद्रों पर चल रहा है.

पीएम मोदी के आह्वान के अनुरूप शुरू की गई पहल

आगे जोड़ते हुए उन्होंने बताया कि यह पहल पीएम मोदी के सभी शिक्षाविदों, कृषि वैज्ञानिकों और सभी संस्थानों से 75 गांवों को गोद लेने और बदलने के आह्वान के अनुरूप शुरू की गई है. इस पहल के तहत एआईसीआरपी केंद्रों और आईसीएआर-सीआईडब्ल्यूए द्वारा कुल 75 गांवों को गोद लिया जाएगा.

5-5 गांवों को लेंगे गोद

इस पहल के तहत, एआईसीआरपी केंद्रों और आईसीएआर-सीआईडब्ल्यूए द्वारा कुल 75 गांवों को गोद लिया जाएगा जिसके लिए 75 न्यूट्री- स्मार्ट गांवों के विकास के उद्देश्य से हर एआईसीआरपी केंद्र 5-5 गांवों को गोद लेंगे, बाकी को आईसीएआर-सीआईडब्ल्यूए द्वारा गोद लिया जाएगा. यह भी पढ़ें : Bihar: ‘शराबबंदी’ वाले बिहार में शराब ने कई घर उजाड़े, खुशियां मातम में तब्दील

कैसे किया जाएगा कुपोषण दूर ?

पहल के उद्देश्यों में कुपोषण को दूर करने के लिए स्थानीय व्यंजनों के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करना और घरेलू कृषि व न्यूट्री-गार्डन के माध्यम से पोषण से संबंधित कृषि को लागू करने के लिए कृषि से जुड़ी महिलाओं और स्कूली बच्चों को शामिल करते हुए ग्रामीण इलाकों में पोषण के प्रति जागरूकता, शिक्षा और व्यवहारगत बदलाव को बढ़ावा देना शामिल है. कृषि मंत्री ने कहा, पोषण में बाजरा के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है.

महिला किसानों को कानूनी अधिकारों के प्रति किया जाएगा जागरूक

कुपोषण मुक्त गांवों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, पोषण अभियान को मजबूती देने को न्यूट्री-विलेज, न्यूट्री फूड, न्यूट्री डाइट, न्यूट्री थाली आदि की अवधारणा पर जोर देने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान और क्षेत्रीय गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. जीवन के सभी क्षेत्रों में महिला किसानों के कानूनी अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक भी किया जाएगा. एआईसीआरपी केंद्रों द्वारा विकसित उत्पादों, टूल्स, तकनीकों का मल्टी-लोकेशंस परीक्षणों के माध्यम से मूल्यांकन किया जाएगा.

कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 3 प्रकाशनों का विमोचन किया. ये प्रकाशन हैं- टेक्नोलॉजी प्रोफाइल ऑफ फूड प्रोडक्ट्स, वर्क पार्टिसिपेशन एंड वुमेन इन एग्रीकल्चर इन इंडिया और जेंडर सेंसिटिव एग्री-होर्टी क्रॉपिंग सिस्टम मॉडल फॉर एड्रेसिंग लिवलीहुड न्यूट्रीशियन एंड एंटरप्रेन्योरशिप.