देशभर में जारी 21 दिन के लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार मार्च 2020 में जीएसटी राजस्व संग्रह अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी. इस बीच खबर है कि सरकार वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में 40 हजार करोड़ रुपये उधार ले सकती है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार जीएसटी परिषद को राज्यों से मुआवजे का भुगतान करने के लिए बाजार से उधार लेने की योजना बना रही है. पीएम के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मांग की कि केंद्र उनके जीएसटी मुआवजे का भुगतान करे और साथ ही कोरोना राहत प्रयासों में मदद करे. वित्तीय संकट का हवाला देते हुए, कई राज्यों ने मार्च के महीने के लिए अपने कर्मचारियों के लिए वेतन में कटौती की घोषणा की है.
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के असर से निपटने के प्रयासों के बीच सरकार संसाधन जुटाने में लगी है. आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से सरकार के खर्च में बढ़ोतरी हो रही है और स्वास्थ्य क्षेत्र को हर प्रकार की मदद देने के साथ उद्योग को राहत पैकेज देने के लिए सरकार इस प्रकार के कदम उठाने जा रही है. यह भी पढ़ें- COVID-19: कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे पीएम मोदी ने की 40 दिग्गज खिलाड़ियों से चर्चा.
अतनु चक्रवर्ती ने बताया कि सरकार ने डेट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के माध्यम से भी उधार लेने का प्रस्ताव रखा है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 3.5 फीसद रखा गया है जबकि वित्त वर्ष 209-20 के लिए यह ल क्ष्य 3.8 फीसद का है.
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने PM मोदी से 25 सौ करोड़ रुपये की मदद मांगी है. इसके साथ ही उन्होंने पुराने बकाए यानि 36 हजार करोड़ की भी मांग की है. इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने भी पुराने बकाए (16 हजार करोड़) की मांग की है. इसके साथ ही राज्यों ने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट और एन -95 मास्क की खरीद और निर्माण के बारे में भी मदद मांगी है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घातक बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की. कोरोना वायरस से भारत में 56 लोगों की मौत हो चुकी है. COVID -19 से संक्रमित लोगों की कुल संख्या ने देश में 2,000 का आंकड़ा पार कर लिया है. प्रत्येक राज्य अपने स्तर पर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है ताकि इस घातक बिमारी को हराया जा सके.