जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठन जेकेएलएफ (JKLF-Y) और उसके मुखिया यासिन मलिक (Yasin Malik) को फिर से बड़ा झटका लगा है. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) लिबरेशन फ्रंट को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम ट्राइब्यूनल (Unlawful Activities (Prevention) Tribunal ) ने भी प्रतिबंध कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 मार्च को जेकेएलएफ पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिबंध लगाया था. जिसके बाद सरकार की तरफ से कहा गया था, जेकेएलएफ पर अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मलिक को आतंक और अलगाववादी संगठनों के वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तार किया था. तब से वह तिहाड़ में बंद है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ यासीन मलिक (Yasin Malik) के खिलाफ जम्मू के टाडा कोर्ट में एक अक्टूबर से सुनवाई शुरू होगी. यासीन मलिक इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में सलाखों के पीछे हैं. 25 जनवरी, 1990 को चार भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की हत्या कर दी गई थी. इस केस में अलगाववादी नेता यासीन मलिक का भी नाम शामिल है. जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट की एक पीठ ने 26 अप्रैल को हाईकोर्ट की एकल पीठ के 2008 को दिए आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें इन दोनों मामलों की सुनवाई को श्रीनगर हस्तांतरित कर दिया गया था.
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'Credible material, grounds' to declare Yasin Malik's JKLF-Y 'unlawful association'
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— ANI Digital (@ani_digital) September 26, 2019
गौरतलब हो कि अब तक टेरर फंडिंग मामले में, एजेंसी ने कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा महराजुद्दीन कलवाल और बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्ला शामिल हैं.