नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जे. चेलमेश्वर ने शुक्रवार को मुंबई में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने की बावजूद सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सकती है. उन्होंने कहा कि पहले भी सरकारों ने कोर्ट के फैसलों में संसदीय तरीकों से छेड़खानी की है. मीडिया द्वारा राम मंंदिर से जुड़े एक सवाल पर चेलमेश्वर ने जवाब में ये बात कही है. जस्टिस चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी कांग्रेस पार्टी से जुड़े संगठन ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) की ओर से आयोजित एक परिचर्चा सत्र के दौरान की
जस्टिस चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले को जनवरी तक टाल चुका है और दूसरी तरफ राम मंदिर निर्माण के लिए संघ और अन्य हिंदू संगठनों में मांग बढती जा रही है.
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, "इस सवाल का पहला पहलू है कि क्या कानूनी तौर पर सरकार राम मंदिर के लिए एक्ट बना सकती है या नहीं बना सकती. दूसरा पहलू है कि क्या सरकार ऐसा करेगी या नहीं." पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं जब सुप्रीम कोर्ट के कामकाज में कानून बनाकर दखलंदाजी की गई है. यह भी पढ़ें- ओवैसी की PM मोदी को चुनौती, कहा- 56 इंच का सीना है तो अयोध्या पर अध्यादेश लाकर दिखाए सरकार
चेलमेश्वर ने कावेरी जल विवाद पर उच्चतम न्यायालय का आदेश पलटने के लिए कर्नाटक विधानसभा द्वारा एक कानून पारित करने का उदाहरण भी दिया. उन्होंने राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा के बीच अंतर-राज्यीय जल विवाद से जुड़ी ऐसी ही एक घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, "देश को इन चीजों को लेकर बहुत पहले ही खुला रुख अपनाना चाहिए था....यह (राम मंदिर पर कानून) संभव है, क्योंकि हमने इसे उस वक्त नहीं रोका."