Navi Mumbai: टेक्नोलॉजी का साइड इफेक्ट! गूगल मैप के चक्कर में खाई में गिरी Audi Car, पुलिस ने बचाई महिला की जान

गूगल मैप्स पर आंख बंद करके भरोसा करना खतरनाक हो सकता है, जैसा कि हाल की घटनाओं से पता चलता है जहां लोग हादसों का शिकार हुए. गलत रास्तों के कारण कारें खाई में गिरीं और अधूरे पुलों पर फंसीं, जिससे जान का खतरा पैदा हुआ. इसलिए, ऐप का उपयोग करते समय अपनी सूझबूझ और सड़क के संकेतों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है.

Audi Car Falls into Ditch in Navi Mumbai After Google Map Mislead Her: आजकल हमारी ज़िंदगी गूगल मैप्स (Google Maps) के बिना अधूरी सी लगती है. कहीं भी जाना हो, रास्ता खोजना हो, तो सबसे पहले हम फोन निकालकर गूगल मैप्स ही खोलते हैं. यह एक बेहतरीन टेक्नॉलजी है जो हमारी बहुत मदद करती है. लेकिन क्या हो जब यही भरोसेमंद दोस्त आपको धोखा दे दे और आपकी जान खतरे में डाल दे?

यह कोई मज़ाक नहीं है. हाल ही में मुंबई और उत्तर प्रदेश में हुई कुछ घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या गूगल मैप्स पर आँख बंद करके भरोसा करना सही है.

जब गूगल मैप्स ने कार को खाई में गिरा दिया

नवी मुंबई (Navi Mumbai) की बात है. एक महिला रात के समय अपनी ऑडी कार (Audi Car) से कहीं जा रही थी. उसने रास्ता देखने के लिए गूगल मैप्स लगाया. मैप ने उसे एक छोटा और सीधा रास्ता दिखाया. महिला ने मैप पर भरोसा किया और गाड़ी आगे बढ़ा दी. लेकिन वो रास्ता एक पुल के नीचे से होकर जाता था और सीधे खाड़ी (समुद्र का किनारा) में खत्म हो जाता था. इससे पहले कि महिला कुछ समझ पाती, उसकी कार सीधे पानी में जा गिरी.

यह तो किस्मत अच्छी थी कि पास में ही मौजूद पुलिस ने उसे देख लिया और तुरंत उसकी जान बचा ली. सोचिए, अगर समय पर मदद न मिलती तो क्या होता?

यह कोई पहली घटना नहीं है

ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है. देश के अलग-अलग कोनों से ऐसी खबरें आती रहती हैं जहाँ गूगल मैप्स के चक्कर में लोग हादसों का शिकार हुए.

आखिर गूगल मैप्स से ऐसी गलती क्यों होती है?

अब सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी कंपनी की टेक्नॉलजी ऐसी गलतियाँ कैसे कर सकती है. इसके कुछ कारण हैं:

  1. रियल-टाइम जानकारी की कमी: गूगल मैप्स सैटेलाइट और यूजर डेटा से जानकारी लेता है. किसी सड़क पर अचानक हुआ बदलाव, जैसे कि कोई रोड बंद हो जाना या किसी पुल का टूटना, उस तक तुरंत नहीं पहुँच पाता.
  2. सबसे छोटा रास्ता, सबसे सुरक्षित नहीं: मैप की प्रोग्रामिंग अक्सर सबसे छोटा या सबसे तेज़ रास्ता दिखाने के लिए की जाती है. हो सकता है कि वो रास्ता संकरा हो, खराब हो या असुरक्षित हो.
  3. इंसानी सूझबूझ का अभाव: मैप एक मशीन है. वह सड़क की हालत, मौसम का हाल या रात के अँधेरे का अंदाज़ा नहीं लगा सकता. यह काम ड्राइवर को अपनी सूझबूझ से करना होता है.

तो फिर क्या करें? कैसे रहें सुरक्षित?

इसका मतलब यह नहीं है कि हम गूगल मैप्स का इस्तेमाल करना ही छोड़ दें. बस हमें कुछ सावधानियाँ बरतने की ज़रूरत है:

टेक्नॉलजी हमारी ज़िंदगी आसान बनाने के लिए है, उसे खतरनाक बनाने के लिए नहीं. अगली बार जब आप गूगल मैप्स का इस्तेमाल करें, तो इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें.

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