Udupi Ramachandra Rao 89th Birth Anniversary: भारत के सैटेलाइट मैन उडुपी रामचंद्र राव की 89वीं जयंती पर Google ने समर्पित किया ये खास डूडल

गूगल आज प्रसिद्ध प्रोफेसर व वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव की 89वीं जयंती मना रहा है और इस खास अवसर पर एक खास डूडल उन्हें समर्पित किया है. उडुपी रामचंद्र राव को भारत के सैटेलाइट मैन के तौर पर याद किया जाता है. वे भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के अध्यक्ष थे.

उडुपी रामचंद्र राव (Photo Credits: Google)

Udupi Ramachandra Rao Google Doodle: सर्च इंजिन गूगल अक्सर खास मौकों पर डूडल बनाकर उसका जश्न मनाता है. इसी कड़ी में गूगल आज प्रसिद्ध प्रोफेसर व वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव की 89वीं जयंती (Udupi Ramachandra Rao 89th Birth Anniversary) मना रहा है और इस खास अवसर पर एक खास डूडल उन्हें समर्पित किया है. उडुपी रामचंद्र राव (Udupi Ramachandra Rao) को 'भारत के सैटेलाइट मैन' के तौर पर याद किया जाता है. वे भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) के अध्यक्ष थे. प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव का जन्म 10 मार्च 1932 को कर्नाटक के उडुपी जिले के अडामारू में हुआ था. वो भारत के पहले ऐसे अंतरिक्ष वैज्ञानिक थे, जिन्हें साल 2013 में 'सैटेलाइट हाल ऑफ द फेम' और साल 2016 में 'आईएएफ हाल ऑफ फेम' से सम्मानित किया गया था.

भारत के सैटेलाइट मैन उडुपी रामचंद्र राव की 89वीं जयंती पर गूगल ने खास डूडल समर्पित किया है. गूगल ने उनकी तस्वीर के साथ एक डूडल बनाया है और उन्हें याद किया है. आपको बता दें कि उनके नेतृत्व में ही भारत ने साल 1975 में अपने पहले उपग्रह आर्यभट्ट का अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण किया था. उन्होंने कॉस्मिक किरणें, उच्च ऊर्जा खगोलिकी, अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं उपग्रह तथा रॉकेट प्रौद्योगिकी और अंतरग्रहीय भौतिकी जैसे विषयों पर 350 से भी ज्यादा लेख और किताबें लिखी हैं. यह भी पढ़ें: Republic Day 2021 Google Doodle: गूगल सेलिब्रेट कर रहा है भारत का 72वां गणतंत्र दिवस, समर्पित किया ये खास डूडल

प्रोफेसर राव को अंतरिक्ष विज्ञान में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा साल 1976 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, फिर साल 2017 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था. उनका निधन 24 जुलाई 2017 को 85 साल की उम्र में हुआ था. ज्ञात हो कि निधन से पहले वे तिरुवनंतपुरम में भारतीय विज्ञान और प्रोद्योगिकी संस्थान में कुलपति के रूप में कार्यरत थे.

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