देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) के कुछ क्षेत्रों में जमातियों की वजह से कोविड-19 (COVID-19) महामारी के बढ़ने के बाद से पिछले 100 घंटे में राज्य में कोई नया मामला सामने नहीं आया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने सोमवार को कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के हालात की जानकारी देते हुए यह बात बताई. उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को राज्य में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक जारी रखने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 100 घंटों में राज्य में कोई नया कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज नहीं मिला है. इसके साथ ही राज्य में अब तक 7 मरीज इस जानलेवा वायरस से छुटकारा पा चुके है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार उत्तराखंड में कोविड-19 के कुल 35 मरीज मिल चुके है. हालांकि राज्य में किसी भी संक्रमित की मौत नहीं हुई है. कोरोना वायरस से संक्रमित आरोपियों और बंदियों के सम्पर्क में आये पुलिस कर्मियों को अलग किया गया
No new #COVID19 positive case reported in the state in the last 100 hours. 7 positive patients have recovered till now: Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat https://t.co/TDlpe4zI7C
— ANI (@ANI) April 13, 2020
वहीं, रावत ने हल्द्वानी (Haldwani) के वल्लभपुरा (Vallabhpura) क्षेत्र में कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए हैं. दरअसल रविवार को वल्लभपुरा में सार्वजनिक स्थानों पर भारी भीड़ देखी गई थी, जिसके मद्देनजर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाया है.
उल्लेखनीय है कि पहाड़ी राज्य में शुरुआत में काविड-19 के मामलों की संख्या काफी कम थी, लेकिन दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से तबलीगी जमात सदस्यों के वापस आने के बाद एकाएक राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे. नैनीताल, अल्मोड़ा, हरिद्वार समेत कई जिलों में इस महामारी के संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा होता देख राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए और छिपे तबलीगियों को सामने आने की कड़ी चेतावनी दी. जानकारी छुपाने वाले तबलीगियों पर हत्या की कोशिश (आईपीसी की धारा-307) का केस दर्ज किया जा रहा है. उत्तराखंड में कोविड-19 के कुल मामलों में से 24 से अधिक तबलीगी जमात से जुड़े है.