COVID-19 महामारी के प्रकोप के साथ-साथ सोने के दाम में तेजी का सिलसिला जारी, 36 रुपये की तेजी के साथ 47,743 रुपये प्रति 10 ग्राम की आई उछाल
सोना (Photo Credits: IANS)

मुंबई, 18 मई: कोरोना महामारी के प्रकोप के साथ-साथ अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच व्यापारिक तनाव से सोने की निखार फिर बढ़ गई है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार से मिले मजबूत संकेतों से भारतीय वायदा बाजार एमसीएक्स पर सोने (Gold) का भाव सोमवार को फिर एक नई उंचाई पर चला गया. घरेलू वायदा बाजार में लगातार चौथे सत्र में सोने के दाम में तेजी का सिलसिला जारी रहा. सोने के साथ-साथ चांदी में ज्यादा तेजी देखी जा रही है.

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर सुबह 9.31 बजे सोने के जून एक्सपायरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 36 रुपये की तेजी के साथ 47743 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव 47770 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उंचे स्तर तक उछला. वहीं, एमसीएक्स पर चांदी के जुलाई अनुबंध में पिछले सत्र से 1422 रुपये यानी 3.04 फीसदी की तेजी के साथ 48140 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था.

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केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रकोप से वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है, वहीं अमेरिका और चीन के बीच फिर व्यापारिक तनाव बढ़ता जा रहा है, जिससे निवेशकों का रुझान निवेश के सुरक्षित साधन सोने के प्रति बढ़ गया है. अंतर्राष्ट्रीय कॉमेक्स पर सोने का भाव सात साल से ज्यादा समय के ऊंचे स्तर पर चल रहा है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने भी कोरोना काल में शेयर बाजार पर असर होने और आर्थिक रिकवरी की प्रक्रिया सुस्त रहने की आशंका जताई है.

कॉमेक्स पर सोने के जून अनुबंध में पिछले सत्र से 12.80 डॉलर यानी 0.73 फीसदी की तेजी के साथ 1769.10 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 1774.95 डॉलर प्रति औंस तक उछला. वहीं, चांदी के जुलाई अनुबंध में पिछले सत्र से 2.98 फीसदी की तेजी के साथ 17.57 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था.

एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि सोना इस समय निवेशकों का पसंदीदा निवेश का उपकरण है क्योंकि सोना संकट का साथी होता है. उन्होंने कहा कि लोग जब संकट में होते हैं, तो उनके पास जो नकदी रहती है वही साथ देती है या फिर सोना जो लोगों के लिए जरूरत का साधन जुटाने के साथ-साथ कारोबार भी खड़ा करने में काम आता है.