पणजी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को कहा कि अगर भारत (India) के पूर्व गृहमंत्री दिवंगत सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) लंबे समय तक जीवित रहे होते, तो गोवा (Goa) को भारत की आजादी के बाद पुर्तगाली औपनिवेशिक शासन (Portuguese Colonial Rule) से मुक्त होने के लिए और 14 साल इंतजार नहीं करना पड़ता. मोदी 19 दिसंबर, 1961 को राज्य की मुक्ति की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर गोवा में एक सभा को संबोधित कर रहे थे. Goa Assembly Election 2022: बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने टीएमसी पर बोला हमला, कहा- बंगाल सरकार के आलोचकों के शव जनता के बीच लटका दिए जाते हैं
मोदी ने अपने भाषण में कहा, "कम से कम 21 स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी जान देनी पड़ी, जिसमें पंजाब के वीर करनैल सिंह बेनीपाल भी शामिल थे. वे बेचैन थे, क्योंकि भारत का एक हिस्सा अभी भी विदेशी शासन के अधीन था. कुछ देशवासियों को अभी भी आजादी नहीं मिली थी."
मोदी ने यह भी कहा, "मैं इस मौके पर यह भी कहूंगा कि अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल कुछ और साल जीते होते तो गोवा को अपनी आजादी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता."
गोवा की मुक्ति में 'देरी' का विषय, पूर्व पुर्तगाली उपनिवेश का समावेश मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा कई मौकों पर किया गया है.
गोवा के मुख्यमंत्री ने जनवरी, 2020 में कहा था, "मुझे लगता है, भारत की आजादी के 14 साल बाद गोवा को आजादी दिलाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जिम्मेदार थे. उनकी वजह से हमें 14 साल बाद आजादी मिली. अगर उनमें राजनीतिक इच्छाशक्ति होती, अगर वे वास्तव में गोवा के लोगों की परवाह करते, तो गोवा पुर्तगाली शासन से कब का मुक्त हो गया होता."
सावंत ने पिछले साल नवंबर में कहा था, "450 वर्षो के शोषणकारी पुर्तगाली शासन के बावजूद गोवा अपनी संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में कामयाब रहा. हमारे पास 14 साल के वनवास (निर्वासन) की अवधि थी. भारत पहले से ही स्वतंत्र था और 14 साल तक हम पर शोषणकारी पुर्तगाली शासन जारी रहा था."