Glacier Bursts in Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के कारण अचानक से आई बाढ़ के बाद तपोवन ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले कम से कम 150 लोगों के मारे जाने या लापता होने की आशंका है. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अब तक 9 से ज्यादा लोगों के शव को बरामद किया जा चुका हैं. हादसे के बाद प्रोजेक्ट में काम करने वाले लापता मजदूरों के परिवार के लोग सदमें में है. हर कोई जनना चाहता है कि उनके परिवार का सदस्य सही सलामत है या नहीं. लापता परिवार के मदद के लिए ही उत्तराखंड सरकार की तरफ से पूछताछ के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी हुआ है.
सरकार की तरफ से लापता परिवार के लोगों के लिए नंबर 1070, 9557444486, 112 नंबर जारी किया गया है. नंबर जारी होंने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नंबर पर संपर्क करें. कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं. संपर्क करें. कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं. यह भी पढ़े: Uttarakhand Glacier Burst: ग्लेशियल आउटबर्स्ट फ्लड क्या है? ग्लेशियर कैसे और क्यों टूटता है, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स
Anyone requiring help can contact following emergency numbers -
1070, 1905 and 9557444486.
I thank state’s population in the affected regions for their cooperation and request everyone to maintain calm & not share unverified information on various platforms. #Uttarakhand
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
घटना के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य के लिए सेना उतर गई है. सरकार ने सेना से कहा है कि वह बचाव कार्यों में जिला प्रशासन और केंद्र-राज्य सरकार की आपदा राहत टीमों की मदद करे. इसके अलावा भारतीय वायु सेना भी हर संभव मदद करने के लिए स्टैंडबाय मोड पर है. सैनिकों को धौलीगंगा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर भेजा गया है, जहां ग्लेशियर टूटने के बाद बड़े पैमाने पर आई बाढ़ ने तबाही मचा दी है.
वहीं सेना की एविएशन विंग को हवाई सर्वे करने और फंसे हुए लोगों को निकालने के काम में लगाया गया है. सेना के एक अधिकारी ने कहा, "एक एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर और दो चीता हेलीकॉप्टर फंसे हुए लोगों को निकाल रहे हैं." अधिकारी ने कहा कि सेना के लगभग 400 कर्मियों की 4 टुकड़ियां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेज दी गई हैं. भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "भारतीय वायु सेना के सी-130 और एएन-32 विमानों का इस्तेमाल राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मियों को एयरलिफ्ट करने में किया जा रहा है. (इनपुट एजेंसी के साथ )