Gandhi Peace Prize: गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलना उनके भागीरथ कार्यों का सम्मान- अमित शाह
Gita Press (Photo Credits: Twitter I IANS)

नई दिल्ली, 19 जून: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत की गौरवशाली प्राचीन सनातन संस्कृति और आधार ग्रंथों के प्रचार-प्रसार और सुलभता में गीता प्रेस के महत्वपूर्ण योगदान का जिक्र करते हुए कहा है कि ''गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलना उनके द्वारा किए जा रहे इन्हीं भागीरथ कार्यों का सम्मान है गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने का कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने के बीच अमित शाह ने उनके चयन को पूरी तरह से उचित ठहराते हुए ट्वीट कर कहा, भारत की गौरवशाली प्राचीन सनातन संस्कृति और आधार ग्रंथों को अगर आज सुलभता से पढ़ा जा सकता है तो इसमें गीता प्रेस का अतुलनीय योगदान है.

100 वर्षों से अधिक समय से गीता प्रेस रामचरित मानस से लेकर श्रीमद्भगवद्गीता जैसे कई पवित्र ग्रंथों को नि:स्वार्थ भाव से जन-जन तक पहुंचाने का अद्भुत कार्य कर रही है गीता प्रेस को 'गांधी शांति पुरस्कार 2021' मिलना उनके द्वारा किए जा रहे इन भागीरथ कार्यों का सम्मान है आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को देने की घोषणा की गई है. यह भी पढ़े: कांग्रेस गीता प्रेस से इसलिए नफरत करती है क्योंकि वह सनातन का संदेश फैलाता है: भाजपा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल ने 18 जून, 2023 को विचार-विमर्श के पश्चात सर्वसम्मति से वर्ष 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर का चयन किया है यह पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी आदशरें के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है वर्ष 1923 में स्थापित गीता प्रेस विश्व में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकों का प्रकाशन किया है, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता की पुस्तकें शामिल हैं.