Lawrence Bishnoi Jail Interview Case: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जेल में रहते हुए सितंबर 2022 में दिए गए इंटरव्यू का मामला एक बार फिर चर्चा में है. NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मुद्दे पर पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि अगस्त 2024 के आदेश के बावजूद, सीनियर अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई, जिन्होंने बिश्नोई के इंटरव्यू में मदद की थी. कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि जूनियर अधिकारियों को बलि का बकरा न बनाया जाए. अदालत ने पंजाब पुलिस और गैंगस्टर के बीच संभावित आपराधिक साजिश पर चिंता व्यक्त की है.
इस मामले में पिछले हफ्ते सात पुलिसकर्मी निलंबित किए गए थे, लेकिन कोर्ट ने नई जांच के आदेश दिए हैं. इस जांच की जिम्मेदारी मानवाधिकार आयोग के प्रमुख प्रभोध कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को सौंपी गई है.
कोर्ट ने कहा कि यह इंटरव्यू जेल की सुरक्षा में गंभीर चूक को दर्शाता है. इस पर आठ महीने तक कोई ठोस रिपोर्ट न आने पर भी अदालत ने सवाल उठाए. न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह और लपिता बनर्जी की पीठ ने बताया कि निलंबित किए गए सात पुलिसकर्मियों में केवल दो उप-अधीक्षक रैंक के अधिकारी थे. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस ने अपराधी को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी और स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान की, जो अपराध को महिमामंडित करती है.
कोर्ट ने कहा कि इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता का संकेत है. इससे पता चलता है कि उन्हें अपराधी से अवैध लाभ मिला होगा. यह भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जिसके लिए आगे की जांच की आवश्यकता है. अदालत ने यह भी नोट किया कि इंटरव्यू के वीडियो फिर से सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं, जबकि दिसंबर में इसे सभी प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने यह भी कहा कि इंटरव्यू में बिश्नोई ने अपने आपराधिक कृत्यों को सही ठहराया और सलमान खान को दी गई मौत की धमकियों को भी दोहराया है.
''ये वीडियो 12 मिलियन से अधिक बार देखे जा चुके हैं और इससे युवा पीढ़ी पर बुरा असर पड़ सकता है. खासकर जब पंजाब एक सीमा राज्य है और वहां कानून व्यवस्था बिगड़ने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है.''