गढ़चिरौली ब्लास्ट: नक्सली हमले में 16 जवान शहीद, DGP ने कहा मुंहतोड़ जवाब देंगे
महाराष्ट्र डीजीपी सुबोध जायसवाल ने कहा "इस दर्दनाक हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमारी तैयारी है और क्षमता भी है. आगे आने वाले समय में ऑपरेशन होंगे और इसका जवाब दिया जाएगा."
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली (Gadchiroli) में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में 16 जवान शहीद हो गए. नक्सलियों ने C60 कमांडो की गश्ती टीम पर घात लगाकर हमला किया. मिली जानकारी के अनुसार दो गाड़ियों में करीब 25 जवान सवार थे. दोनों गाड़ियां पेट्रोलिंग के लिए निकली थीं. इसी दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर आईईडी ब्लास्ट (IED Blast) किया. नक्सलियों ने इस साजिश की शुरुआत बुधवार तड़के 1 बजे की. सुबह एक से चार बजे के बीच कुरखेड़ा तहसील के दादापूरा गांव में नक्सलियों ने एक साजिश के तहत 36 वाहनों में आग लगा दी.
नक्सलियों को इस बात का पता था कि उनकी आगजनी के बाद इलाके में सुरक्षाबलों का मूवमेंट जरूर होगा और वे उचित मौके पर हमले की ताक में लगे थे. महाराष्ट्र डीजीपी सुबोध जायसवाल (Subodh Jaiswal) ने नक्सली हमले की निंदा की. डीजीपी ने कहा "इस दर्दनाक हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमारी तैयारी है और क्षमता भी है. आगे आने वाले समय में ऑपरेशन होंगे और इसका जवाब दिया जाएगा."
डीजीपी ने कहा इस हमले को इंटेलिजेंस फेलियर कहना सही नहीं होगा. ये एक नीचतापूर्ण हमला है. हम पूरी कोशिश करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो. हमारे लोग घटनास्थल पर मौजूद हैं, आज शाम तक और जानकारी सामने आ जाएगी."
डीजीपी ने कहा आम तौर पर ऐसे ऑपरेशन जंगल में होते हैं और ऐसे में ट्रैप होने की आशंका पर कुछ कहना सही नहीं है. हम घटना स्थल पर टेक्निकली मूव करते हैं और जंगल को ध्यान में रखकर कार्रवाई की जाती है.' डीजीपी ने कहा ऐंटी-नक्सल ऑपरेशन पूरे जोर-शोर से जारी रहेंगे. मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से चर्चा हो रही है.
रिपोर्ट्स के अनुसार सुरक्षाबलों को नक्सलियों द्वारा अपनी गाड़ियों को निशाना बनाए जाने की आशंका थी इसीलिए कुरखेड़ा पुलिस स्टेशन की क्विक रिस्पॉन्स टीम ने अपने मूवमेंट के लिए प्राइवेट वाहन को हायर किया ताकि नक्सलियों को चकमा दिया जा सके. इसके बाद भी नक्सलियों ने गाड़ी को निशाना बनाया, जिससे स्पष्ट है कि उन्हें क्यूआरटी टीम के मूवमेंट की पल-पल की खबर थी.
जानकारी के मुताबिक क्यूआरटी टीम ने दोपहर करीब 12 बजे एक पेट्रोल पंप पर तेल भी भरवाया था. बताया जा रहा है कि शायद यहीं से किसी ने नक्सलियों को उनके मूवमेंट की खबर मिली. बता दें कि बुधवार का हमला गढ़चिरौली में 2009 के बाद से सबसे बड़ा नक्सली हमला है. साल 2009 में अलग-अलग नक्सली हमले में 51 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे.