एक जुलाई से पंजाब में निशुल्क मिलेगी 300 यूनिट बिजली
सीएम मनोनीत भगवंत मानa (Photo Credits PTI)

चंडीगढ़, 16 अप्रैल : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी वादे को पूरा करते हुये आगामी एक जुलाई से सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर माह 300 यूनिट बिजली निशुल्क देने की शनिवार को घोषणा की. आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गत साल 29 जून को इसके संबंध में चुनावी घोषणा की थी. केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार दिल्लीवासियों को हर माह 200 यूनिट बिजली निशुल्क देती है. पंजाब में पहले से ही किसानों को मुफ्त बिजली दी जाती है. इसके अलावा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को 200 यूनिट बिजली निशुल्क दी जाती है. पंजाब सरकार ने सभी प्रमुख दैनिक समाचारपत्रों में इस संबंध में विज्ञापन दिया है और साथ ही अपनी सरकार के गठन के एक माह पूरे होने पर उपलब्धियों को गिनाया है.

भगवंत मान ने बताया कि 23 मार्च को शहीदी दिवस पर भ्रष्टाचार रोधी हेल्पलाइन शुरू की गयी. पंजाब सरकार ने साथ ही बताया कि सत्ता में आने के बाद 25,000 सरकारी पदों को भरने की घोषणा की गयी तथा 35,000 संविदा कर्मियों को नियमित किया गया. पंजाब सरकार ने एक दिन पहले ही किसानों के खाते में न्यूनतम समर्थन मूल्य के मद में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक रकम जमा करायी है. सरकार ने अभी 18 साल से अधिक आयु की सभी महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये दिये जाने की निर्धारित तारीख की घोषणा नहीं की है. सरकार को इस योजना के मद में प्रतिवर्ष 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आयेगी. आप ने पंजाब के चुनावी समर को जीतने के लिये अंधाधुंध निशुल्क योजनाओं की घोषणायें की थीं, जिससे पहले से ही भारी कर्ज के बोझ से दबे पंजाब का ऋण संकट और भी गहरा होगा.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पंजाब पर 31 मार्च तक 2,52,880 रुपये का कर्ज था, जो वित्त वर्ष 2020-21 के राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 42 प्रतिशत है. राज्य के वार्षिक बजट का 20 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ कर्ज भुगतान के मद में जाता है. कैग के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 तक राज्य का ऋण बोझ बढ़कर करीब चार लाख करोड़ रुपये हो जायेगा. सरकारी अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार की लोकलुभावन योजनाओं के कारण गत पांच साल के दौरान राज्य पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ रुपये बढ़ा है.