दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) ने शनिवार को 81 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. एस्कॉर्ट अस्पताल में उन्होंने 3.55 बजे अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार रविवार को दोपहर 2.30 बजे राजधानी के निगमबोध (Nigam Bodh Ghat) घाट पर किया जाएगा. इससे पहले सुबह 11.30 बजे पार्थिव शरीर को उनकी बहन के घर से कांग्रेस दफ्तर ले जाया जाएगा, जो 12.15 बजे तक पहुंचेगा. यहां कांग्रेस नेता और अन्य लोग शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देंगे. पार्थिव शरीर को 1.30 बजे तक कांग्रेस दफ्तर में रखा जाएगा. इसके बाद पार्थिव शरीर को 2:30 बजे निगमबोध घाट ले जाया जाएगा. जहां उनका अंतिम संस्कार होगा.
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स के एक बयान में कहा गया है कि उन्हें शनिवार सुबह अस्पताल लाया गया था. बयान में कहा गया है कि डॉक्टरों की टीम ने सभी उपायों को अंजाम दिया और उनकी स्थिति अस्थायी रूप से स्थिर हो गई, लेकिन एक और कार्डियक अरेस्ट हुआ.' अस्पताल ने कहा, 'सभी प्रयासों के बावजूद, 20 जुलाई, 2019 को दोपहर 3:55 बजे निधन हो गया.'
यह भी पढ़ें- Sheila Dikshit: शीला दीक्षित के निधन पर राष्ट्रपति,पीएम मोदी, राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने जताया शोक
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें सुबह सीने में जकड़न की शिकायत के बाद फोर्टिस एस्कार्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. लंबे समय से बीमार चल रहीं दीक्षित सबसे ज्यादा 15 वर्ष (1998-2013) तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. उन्होंने पंद्रह वर्ष तक मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली पर शासन किया.
शीला दीक्षित को दिल्ली का चेहरा बदलने का श्रेय दिया जाता है. दिल्ली में मेट्रो के नेटवर्क का विस्तार हो या फिर बारापूला जैसेबड़े रोड नेटवर्क उन्हीं की देन माने जाते हैं. शीला दीक्षित को 2014 में केरल का राज्यपाल बनाया गया था। लेकिन 25 अगस्त 2014 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.