सीबीआई चीफ के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा ने दिया इस्तीफा, कहा- यह ‘सामूहिक आत्ममंथन’ का क्षण
आलोक वर्मा का तबादला गुरुवार को महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था.
सीबीआई (CBI) के पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा (Alok Verma) ने शुक्रवार को सेवा से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने गुरुवार को उन्हें सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटा दिया था. वर्मा ने अपने त्याग-पत्र में कहा कि यह ‘सामूहिक आत्ममंथन’ का क्षण है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के सचिव को भेजे गए अपने इस्तीफे में वर्मा ने कहा कि यह भी गौर किया जाए कि अधोहस्ताक्षरी (नीचे दस्तखत करने वाला) 31 जुलाई 2017 को ही सेवानिवृत हो चुका था और 31 जनवरी 2019 तक सीबीआई के निदेशक के तौर पर अपनी सेवा दे रहा था, क्योंकि यह तय कार्यकाल वाली भूमिका होती है. अधोहस्ताक्षरी अब सीबीआई डायरेक्टर नहीं है और महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा के पद के लिहाज से पहले ही सेवानिवृति की उम्र पार कर चुका है. इसलिए अधोहस्ताक्षरी को आज से सेवानिवृत समझा जाए.
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1979 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के अधिकारी वर्मा का तबादला गुरुवार को महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था. सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा ने दावा किया कि उनका तबादला उनके विरोध में रहने वाले एक व्यक्ति की ओर से लगाए गए झूठे, निराधार और फर्जी आरोपों के आधार पर किया गया है. यह भी पढ़ें- सीबीआई विवाद: अंतरिम डायरेक्टर एम. नागेश्वर राव ने संभाली कमान, आलोक वर्मा के सभी ट्रांसफर ऑर्डर को पलटा
आलोक वर्मा ने चुप्पी तोड़ते हुए गुरुवार देर रात एक बयान में कहा कि भ्रष्टाचार के हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच करने वाली महत्वपूर्ण एजेंसी होने के नाते सीबीआई की स्वतंत्रता को सुरक्षित और संरक्षित रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे बाहरी दबावों के बगैर काम करना चाहिए. मैंने एजेंसी की ईमानदारी को बनाए रखने की कोशिश की है जबकि उसे बर्बाद करने की कोशिश की जा रही थी.
भाषा इनपुट