लखनऊ, 7 जनवरी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बुधवार रात आजमगढ़ (Azamgarh) के पूर्व विधायक सीपू सिंह (Seepu Singh) हत्याकांड के गवाह और मऊ के गोहना मोहम्दाबाद (Mohamdabad) के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह (Ajeet Singh) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस आयुक्त डी.के. ठाकुर (D.K. Thakur) के अनुसार बुधवार रात उदयपुर (Udaipur) टावर के पास अजीत सिंह अपने एक सहयोगी के साथ खड़ा था उसी दौरान बाइक सवार तीन बदमाश वहां पहुंचे जिन्होंने अजीत सिंह को देखते ही गोलियां बरसानी शुरू कर दी. करीब 30 राउंड गोली चली जिसमे अजीत सिंह की जान चली गई. उनका सहयोगी मोहर सिंह घायल है और खतरे से बाहर है. मामले में पुलिस गहनता से जांच कर रही है. घटना स्थल से कई सबूत भी मिले हैं.
मृतक राजधानी के गोमती नगर (Gomti Nagar) विस्तार में रहता था. पुलिस ने मामले में मोहर सिंह (Mohar Singh) को भी संदेह के घेरे में रखा है. स्थानीय लोगों के अनुसार अजीत पर हमला करने आये बदमाश पैदल थे, उन्हें चौराहे के बारे में पूरी जानकारी थी. उसने बाईक कुछ दूरी पर खड़ी कर दी है. अजीत के गाड़ी से उतरते ही गोलियां बरसाने के बाद बदमाश पैदल ही भाग निकले. पूरी वारदात महज 3 से 4 मिनट में हो गई.
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चार दिन बाद विधायक हत्याकांड में इसकी गवाही होनी थी. ऐसे में पुलिस मामले को गैंगवार से जोड़कर देख रही है. गोलीबारी में अजीत का साथी मोहर सिंह और वहां से गुजर रहे ग्वारी गांव निवासी डिलिवरी ब्वॉय प्रकाश को गोली लगी, जिन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मामला विभूतिखंड में कठौता पुलिस चौकी के सामने कठौता चौराहे के पास का है. यहां काली स्कॉर्पियो गाड़ी से अजीत सिंह अपने साथी मोहर सिंह के साथ पहुंचे थे. दोनों गाड़ी से उतरकर थोड़ी दूर चले ही थे कि दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ उनपर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. जवाब में अजीत ने भी फायरिंग की. इस दौरान अजीत के सिर में गोली लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई. मोहर सिंह और प्रकाश के पैर में गोली लगी और दोनों लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े. अजीत मूलरूप से मोहना मोहम्मदाबाद, मऊ के रहने वाले थे और आजमगढ़ में हुई पूर्व विधायक सीपू सिंह की हत्या में गवाह थे. मोहर भी गोहना का रहने वाला है और अक्सर अजीत के साथ ही रहता था. मृतक अजीत बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी थे.
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पुलिस आयुक्त ने बताया कि अजीत पर हत्या के पांच मुकदमे दर्ज हैं. अजीत के खिलाफ मऊ पुलिस ने 30 दिसंबर को जिलाबदर की कार्रवाई कराई थी. वह यहां गोमतीनगर विस्तार स्थित एक अपार्टमेंट में रह रहा था. अजीत ने अपनी एक करीबी महिला मनभावती देवी को गोहना मोहम्मदाबाद से ब्लॉक प्रमुख बनवाया था. पूर्व में अजीत की पत्नी रानू सिंह भी ब्लॉक प्रमुख रही हैं. गैंगवार में करीब 25 से 30 राउंड गोलियां चलीं. गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाका गूंज उठा. चौराहे पर भगदड़ मच गई और दुकानदार दुकानें बंद कर भागने लगे. सीसी फुटेज में पुलिस को तीन बदमाश बाइक से भागते दिखे हैं. हालांकि, बदमाशों की संख्या चार थी.
पुलिस आयुक्त का कहना है कि अभी तक तीन बदमाशों के वारदात को अंजाम देने की पुष्टि हुई है. आसपास के अन्य सीसीटीवी कैमरे जांचे जा रहे हैं. जल्द ही वारदात का राजफाश कर दिया जाएगा. मृतक अजीत सिंह आजमगढ़ में पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू हत्याकांड में गवाह थे. बता दें, 19 जुलाई 2013 को बसपा विधायक सर्वेश कुमार सिंह सीपू की हत्या उनके जीयनपुर आवास के सामने कर दी गयी थी.