यूएन महासभा में बोलीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज- आतंकवाद को पनाह देता है पाकिस्तान
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Photo Credits: Getty Images)

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में संबोधित करते हुए आतंकवाद, भारत-पाक संबंध और सुरक्षा परिषद मे भारत की सदस्यता के मुद्दे को उठाया. यूएन महासभा को संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा कि आतंकवाद का राक्षस दुनिया के हर कोने में पहुंच गया है और भारत तो कई दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. हमारा दुर्भाग्य तो यह है कि हमारे यहां आतंकवाद की चुनौती सीमा पार अपने पड़ोसी देश से ही आई है. यह देश आतंकवाद फैलाने के साथ-साथ अपने किए हुए को नकारने में भी माहिर है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है. वो वहां रैलियां कर रहा है, चुनाव लड़वा रहा है और सरेआम भारत को धमकियां दे रहा है.

उन्होंने कहा कि अमेरिका के इतिहास में 11 सितंबर 2001 की आतंकी घटना के मास्टर माइंड ओसामा बिन लादेन को अमेरिका अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था और पूरी दुनिया में उसे ढूंढ रहा था, लेकिन लादेन उसी पाकिस्तान में मिला था जिसे अमेरिका अपना दोस्त मानता है और ओसामा के एनकाउंटर के बाद भी पाकिस्तान को शर्म नहीं आती है. पाकिस्तान आतंकवादियों को स्वतंत्रता सेनानी कहता है और उनके नाम का डाक टिकट जारी किया जाता है. यह भी पढ़ें: लखनऊ: एप्पल के मैनेजर की हत्या पर बोले CM योगी, कहा- एनकाउंटर नहीं हुआ, मृतक की पत्नी ने मांगा मुआवजा

इस महासभा में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर हमला करते हुए सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने पहले भारत को बातचीत का प्रस्ताव भेजा और फिर भारतीय जवानों की हत्या कर दी. पाक ने अपनी इस हरकत से यह साबित कर दिया है कि वो आतंकवाद को हमेशा से ही पालता-पोसता आ रहा है.

उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि जब तक आतंकवाद खत्म नहीं होता तब तक पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून की जरूरत है और पूरे विश्व को इस मुद्दे पर एकमत होना होगा.

इस महासभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र दुनिया का सबसे बड़ा मंच है, जहां अविकसित और विकासशील देशों के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं. इस मंच पर विश्व को बेहतर बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं. साल 2015 में हमने साल 2030 का एजेंडा निर्धारित करते हुए विकास के लक्ष्यों की रचना की थी. उसी समय से कहा जा रहा है कि अगर भारत इन लक्ष्यों को हासिल करने में सफल होगा तभी हम कामयाब हो पाएंगे. यह भी पढ़ें: कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और भ्रष्टाचार को लेकर PM मोदी पर साधा निशाना

इस सभा में उन्होंने यह विश्वास दिलाया कि इस मुद्दे पर भारत दुनिया को कभी फेल नहीं होने देगा, क्योंकि इस लक्ष्य को पाने में मोदी सरकार की जनधन योजना और आयुष्मान भारत योजना जैसी कई योजनाएं काफी कारगर साबित होंगी.