नई दिल्ली: स्ट्रीट फूड किसे पसंद नहीं होता है? पानी पूरी, चाट, मोमोज, नूडल्स, बर्गर, मंचूरियन जैसे फूड आइटम्स से किसी के भी मुहं में पानी आ जाए. ये भी हम जानते हैं ये टेस्टी फूड आइटम्स हमारी हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन बावजूद इसके हम सभी इन्हें खूब खाते हैं. हाल ही में इन फूड आइटम्स को लेकर जो खुलासे हुए हैं उनसे आपके होश उड़ जाएंगे. ये चीजें आपको कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी दे सकती हैं. कर्नाटक में पानी पुरी के सैंपल में कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ के अंश मिले हैं. Cancer Causing Substance in Pani Puri: कर्नाटक में पानी पुरी के सैंपल में मिले कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ.
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक में पानी पुरी के सैंपल में कैंसरकारी तत्व मिले हैं. यह कर्नाटक में खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान पाया गया. "कैंसर पैदा करने वाली पानी पूरी" इस तरह का एकमात्र उदाहरण नहीं है. ऐसे कई उदाहरण पाए गए हैं जहां खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को स्ट्रीट फ़ूड आइटम जैसे कि पानी पूरी, शावरमा, कबाब, कॉटन कैंडी, मंचूरियन और कई चीजों में खतरनाक केमिकल मिले हैं.
भारत में खाद्य सुरक्षा
भारत में खाद्य सुरक्षा एक बढ़ती हुई चिंता बन गई है, क्योंकि देश दूषित भोजन और असुरक्षित प्रथाओं से संबंधित बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. भोजन और पानी के दूषित होने के कारण सैकड़ों और हज़ारों मौतें हो रही हैं, इसलिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है.
कर्नाटक ने हाल ही में कई खाद्य सुरक्षा मुद्दों का सामना किया है, जिसके कारण जांच और विनियामक कार्रवाई में वृद्धि हुई है. कर्नाटक में खाद्य सुरक्षा अधिकारी राज्य के विभिन्न खाद्य स्टॉलों पर सुरक्षा जांच कर रहे हैं. यहां हम आपको कुछ ऐसे ही मामले बता रहे हैं जहां स्ट्रीट फ़ूड में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल और बैक्टीरिया जैसे हानिकारक पदार्थ पाए गए हैं.
1. पानी पूरी में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल
हाल ही में एक जांच हुई जिसमें कर्नाटक खाद्य सुरक्षा विभाग ने पानी पूरी के सैंपल्स में कैंसरकारी केमिकल्स पाए. इन हानिकारक केमिकल्स की मौजूदगी, जो संभावित रूप से कैंसर का कारण बनते हैं, ने सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण चिंताएं पैदा कर दी हैं. अधिकारियों ने पाया कि पानी पूरी के 22 प्रतिशत सैंपल्स सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे. एकत्र किए गए 260 सैंपल्स में से 41 सैंपल्स में आर्टिफिशियल कलर और कैंसरकारी तत्व पाए गए.
अधिकारियों ने स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं पर छापे मारकर और दूषित खाद्य उत्पादों को जब्त करके तुरंत कार्रवाई की. इसके अलावा, उन्होंने लोगों को अनधिकृत विक्रेताओं से पानी पूरी खाने से बचने और स्ट्रीट फ़ूड की स्वच्छता के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी भी दी.
2. शावरमा में हानिकारक बैक्टीरिया
पानी पूरी के अलावा कर्नाटक खाद्य सुरक्षा विभाग ने शावरमा के सैंपल में हानिकारक बैक्टीरिया पाए. कर्नाटक के खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSA) ने राज्य के 10 जिलों से शावरमा के सैंपल एकत्र किए. एकत्र किए गए 17 सैंपल में से 8 सैंपल अस्वास्थ्यकर स्थितियों में पाए गए. शावरमा में खतरनाक बैक्टीरिया और यीस्ट पाए गए, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं.
3. गोबी मंचूरियन, कॉटन कैंडी में रोडामाइन बी पर बैन
इस साल की शुरुआत में मार्च में, कर्नाटक खाद्य उत्पादों में सिंथेटिक डाई रोडामाइन बी (आरएचबी) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने को लेकर चर्चा में था. यह डाई गोबी मंचूरियन और कॉटन कैंडी जैसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड में पाई गई थी. जनता और मीडिया द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के आधार पर, राज्य भर में लोगों को बेचे जाने वाले गोबी मंचूरियन और कॉटन कैंडी के सैंपल एकत्र किए गए और राज्य प्रयोगशालाओं में उनकी जांच की गई. एकत्र किए गए 171 गोबी मंचूरियन में से 107 सैंपल में असुरक्षित आर्टिफिशियल कलर थे. कुल लगभग 25 कॉटन कैंडी के नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 15 सैंपल में असुरक्षित रंग थे.
4. कबाब में आर्टिफिशियल कलर के इस्तेमाल पर रोक
कर्नाटक में स्ट्रीट फूड में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल की खबर फिर से सुर्खियों में आई, जब कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने शाकाहारी, मछली और चिकन सहित कबाब बनाने में आर्टिफिशियल कलर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया. यह कदम राज्य भर में बेचे जाने वाले कबाबों के 39 नमूनों को कर्नाटक की प्रयोगशालाओं में एकत्र करने, जांचने और विश्लेषण करने के बाद उठाया गया और नतीजा यह निकला कि सनसेट येलो और कार्मोसिन कृत्रिम रंग स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित और खतरनाक हैं.
इन घटनाओं के मद्देनजर कर्नाटक खाद्य सुरक्षा विभाग ने अपनी निगरानी और निरीक्षण गतिविधियों को तेज कर दिया है. वे खाद्य प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण करेंगे, खाद्य उत्पादों के रैंडम सैंपल लेंगे और खाद्य सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करेंगे. विभाग उपभोक्ताओं को खाद्य सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने के लिए जन जागरूकता अभियान भी चला रहा है.