चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में बाढ की गंभीर स्थिति को देखते हुए सेना, वायुसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने सोमवार को बचाव अभियान चलाया. राज्य में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हो गया है और इससे सैकड़ों एकड़ के फसलों को नुकसान पहुंचा है. पंजाब सरकार ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक के बाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति को प्राकृतिक आपदा घोषित किया.
मुख्यमंत्री ने आपात राहत एवं पुनर्वास कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.
अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों से करीब 1000 फंसे लोगों को बचाया गया है जिसमें लगभग 700 लोग पंजाब के रूपनगर जिले के हैं. यह भी पढ़े-पंजाब: बाढ़ में एनडीआरएफ की तीन टीमें बचाव कार्य में जुटीं, 40 लोगों और 8 जानवरों को सुरक्षित निकाला
सेना के पश्चिमी कमान ने पठानकोट के मीरथल, गुरदासपुर के दीनानगर, जालंधर के फिल्लौर, नकोदर और शाहकोट में तथा हरियाणा के करनाल में बाढ़ राहत दल की तैनाती की है.
अधिकारियों ने बताया कि भाखड़ा बांध में जलस्तर 1680 फुट की स्वीकृत सीमा से एक फुट अधिक हो गया है . इसके बाद अधिकारियों को वहां से पानी छोड़ना पड़ा.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क के अनुसार भारतीय वायु सेना ने हरियाणा पुलिस की सहायता से सोमवार को तड़के दो बजकर 45 मिनट पर एक ही परिवार के नौ लोगों को बचाया.
हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ की चेतावनी जारी करते हुए करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद तथा पलवल जिलों के उपायुक्तों को सतर्क किया है. हरियाणा के यमुनानगर जिले के कुछ गांवों में सोमवार को बारिश का पानी प्रवेश करने की खबरें थी और इसके बाद वहां से लोगों को निकाला जा रहा है. हरियाणा के मंत्री करनदेव सिंह कंबोज करनाल जिले के इंद्री इलाके में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया.