Flash Floods, Landslides In Himachal: हिमाचल में अचानक आई बाढ़, भूस्खलन से 41 की मौत, 13 लापता

भारी बारिश के कारण पूरे हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन के बीच सोमवार को कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और 13 लोग लापता हो गए अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

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Flash Floods, Landslides In Himachal: हिमाचल में अचानक आई बाढ़, भूस्खलन से 41 की मौत, 13 लापता

भारी बारिश के कारण पूरे हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन के बीच सोमवार को कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और 13 लोग लापता हो गए अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

देश IANS|
Flash Floods, Landslides In Himachal: हिमाचल में अचानक आई बाढ़, भूस्खलन से 41 की मौत, 13 लापता
Himachal Pradesh Photo Credits: Twitter

शिमला, 14 अगस्त: भारी बारिश के कारण पूरे हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन के बीच सोमवार को कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और 13 लोग लापता हो गए अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. यह भी पढ़े: Himachal Pradesh Heavy Rain: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर, ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र में फंसे 30 छात्रों को सुरक्षित निकाला गया

राजधानी शिमला में भूस्खलन की दो घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई भगवान शिव का एक मंदिर का भी ढह गया यहां नौ लोगों के लापता होने की खबर है और उनकी तलाश जारी है मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भूस्खलन प्रभावित सुमेर हिल क्षेत्र में स्थिति का जायजा लिया, जहां मंदिर ढह गया था और अधिकारियों को बचाव अभियान तेज करने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि श्रावण के पवित्र महीने के कारण आपदा के समय शिव मंदिर में भीड़ थी उन्होंने कहा कि भारी भूस्खलन के कारण कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है लोगों की तलाश के लिए मलबा हटाने का काम जारी है.

सुक्खू ने कहा कि पूरा राज्य गंभीर स्थिति से जूझ रहा है क्योंकि कई हिस्सों में बादल फटने और भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं मारे गए लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं और प्रभावित परिवारों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार आपदा की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है सभी प्रभावित परिवारों को सरकार द्वारा हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी.

सुक्खू ने कहा कि राज्य सात जुलाई से लगातार बारिश के कारण हुई तबाही से जूझ रहा है हाल ही में हुई बारिश एक बार फिर बड़ी चुनौतियाँ लेकर आई है क्योंकि जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है मुख्यमंत्री ने आशंका जताई कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभी भी कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की पूरी कोशिश कर रही है वह स्‍वयं सभी जिलों के उपायुक्तों के संपर्क में हैं और जमीनी स्थिति तथा राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में लगातार अपडेट ले रहे हैं.

सुक्खू ने कहा कि सभी जिला प्रशासकों और संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं क्योंकि राज्य में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है उन्होंने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी सुमेर हिल में राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेने के बाद सुक्खू फागली पहुंचे जहां भूस्खलन के कारण पांच लोगों की जान चली गई, जबकि पांच अन्य को बचा लिया गया.

सोलन जिले के कंडाघाट क्षेत्र में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद 10 लोग जिंदा दफन हो गए यह आपदा राज्य की राजधानी से करीब 45 किलोमीटर दूर धवला उप-तहसील के जादोन गांव में सोमवार देर रात करीब 1.30 बजे घटी.

बारिश के कहर ने बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया है और पहाड़ी राज्य में कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है मंडी जिले में बारिश जनित आपदा से 14 लोगों की मौत हो गयी। वहां चार लोग लापता हैं मझवार गांव में दो घर और एक गौशाला क्षतिग्रस्त हो गए, जहां दो लोग लापता बताए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि संकट की इस घड़ी में लोगों को समस्याएं कम से कम हों उन्‍होंने कहा, “स्वतंत्रता दिवस परेड को छोटा कर दिया गया है इससे यह सुनिश्चित होगा कि अधिकतम संख्या में बचाव बल युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं उन्होंने यह भी कहा कि नालागढ़ से एनडीआरएफ की एक टुकड़ी शिमला पहुंच गई है.

सुक्खू ने कहा कि राज्य में लगभग 1,200 सड़कें प्रभावित हुई हैं और उन्हें जल्द से जल्द यातायात के लिए खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं उन्होंने आश्वासन दिया कि सोमवार शाम तक 600 सड़कें और मंगलवार तक 300 और सड़कें खोल दी जाएंगी.

सोलन, शिमला, मंडी और हमीरपुर जिले बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावित लोगों की पूरी मदद करने का निर्देश दिया और कहा कि सड़कों और इमारतों के लिए खतरा पैदा करने वाले पेड़ों की तुरंत पहचान की जाए और मंगलवार सुबह तक उन्हें रिपोर्ट सौंपी जाए.

उन्होंने प्रभावित पेयजल योजनाओं को शीघ्र बहाल कर लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर मंडी और कुल्लू के बीच शुक्रवार से यातायात बंद है, जबकि सोमवार को भूस्खलन के कारण मंडी और कुल्लू के बीच वैकल्पिक मार्ग भी अवरुद्ध हो गए मनाली और कुल्लू के बीच ब्यास नदी का प्रवाह काफी तेज हो गया है.

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Flash Floods, Landslides In Himachal: हिमाचल में अचानक आई बाढ़, भूस्खलन से 41 की मौत, 13 लापता
Himachal Pradesh Photo Credits: Twitter

शिमला, 14 अगस्त: भारी बारिश के कारण पूरे हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन के बीच सोमवार को कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और 13 लोग लापता हो गए अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. यह भी पढ़े: Himachal Pradesh Heavy Rain: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर, ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र में फंसे 30 छात्रों को सुरक्षित निकाला गया

राजधानी शिमला में भूस्खलन की दो घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई भगवान शिव का एक मंदिर का भी ढह गया यहां नौ लोगों के लापता होने की खबर है और उनकी तलाश जारी है मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भूस्खलन प्रभावित सुमेर हिल क्षेत्र में स्थिति का जायजा लिया, जहां मंदिर ढह गया था और अधिकारियों को बचाव अभियान तेज करने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि श्रावण के पवित्र महीने के कारण आपदा के समय शिव मंदिर में भीड़ थी उन्होंने कहा कि भारी भूस्खलन के कारण कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है लोगों की तलाश के लिए मलबा हटाने का काम जारी है.

सुक्खू ने कहा कि पूरा राज्य गंभीर स्थिति से जूझ रहा है क्योंकि कई हिस्सों में बादल फटने और भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं मारे गए लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं और प्रभावित परिवारों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार आपदा की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है सभी प्रभावित परिवारों को सरकार द्वारा हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी.

सुक्खू ने कहा कि राज्य सात जुलाई से लगातार बारिश के कारण हुई तबाही से जूझ रहा है हाल ही में हुई बारिश एक बार फिर बड़ी चुनौतियाँ लेकर आई है क्योंकि जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है मुख्यमंत्री ने आशंका जताई कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभी भी कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की पूरी कोशिश कर रही है वह स्‍वयं सभी जिलों के उपायुक्तों के संपर्क में हैं और जमीनी स्थिति तथा राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में लगातार अपडेट ले रहे हैं.

सुक्खू ने कहा कि सभी जिला प्रशासकों और संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं क्योंकि राज्य में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है उन्होंने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी सुमेर हिल में राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेने के बाद सुक्खू फागली पहुंचे जहां भूस्खलन के कारण पांच लोगों की जान चली गई, जबकि पांच अन्य को बचा लिया गया.

सोलन जिले के कंडाघाट क्षेत्र में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद 10 लोग जिंदा दफन हो गए यह आपदा राज्य की राजधानी से करीब 45 किलोमीटर दूर धवला उप-तहसील के जादोन गांव में सोमवार देर रात करीब 1.30 बजे घटी.

बारिश के कहर ने बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया है और पहाड़ी राज्य में कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है मंडी जिले में बारिश जनित आपदा से 14 लोगों की मौत हो गयी। वहां चार लोग लापता हैं मझवार गांव में दो घर और एक गौशाला क्षतिग्रस्त हो गए, जहां दो लोग लापता बताए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि संकट की इस घड़ी में लोगों को समस्याएं कम से कम हों उन्‍होंने कहा, “स्वतंत्रता दिवस परेड को छोटा कर दिया गया है इससे यह सुनिश्चित होगा कि अधिकतम संख्या में बचाव बल युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं उन्होंने यह भी कहा कि नालागढ़ से एनडीआरएफ की एक टुकड़ी शिमला पहुंच गई है.

सुक्खू ने कहा कि राज्य में लगभग 1,200 सड़कें प्रभावित हुई हैं और उन्हें जल्द से जल्द यातायात के लिए खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं उन्होंने आश्वासन दिया कि सोमवार शाम तक 600 सड़कें और मंगलवार तक 300 और सड़कें खोल दी जाएंगी.

सोलन, शिमला, मंडी और हमीरपुर जिले बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावित लोगों की पूरी मदद करने का निर्देश दिया और कहा कि सड़कों और इमारतों के लिए खतरा पैदा करने वाले पेड़ों की तुरंत पहचान की जाए और मंगलवार सुबह तक उन्हें रिपोर्ट सौंपी जाए.

उन्होंने प्रभावित पेयजल योजनाओं को शीघ्र बहाल कर लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर मंडी और कुल्लू के बीच शुक्रवार से यातायात बंद है, जबकि सोमवार को भूस्खलन के कारण मंडी और कुल्लू के बीच वैकल्पिक मार्ग भी अवरुद्ध हो गए मनाली और कुल्लू के बीच ब्यास नदी का प्रवाह काफी तेज हो गया है.

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Himachal Pradesh Road Accident: मंडी के कमांद में सड़क हादसे में पांच की मौत, सीएम सुक्खू ने जताया दुख
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Himachal Pradesh Road Accident: मंडी के कमांद में सड़क हादसे में पांच की मौत, सीएम सुक्खू ने जताया दुख

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