देहरादून: देश में सबसे पहले जैविक ईंधन वाले विमान ने सोमवार को देहरादून से उड़ान भरी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट से इस हरी झंडी दिखाई. इस विमान ने देहरादून से दिल्ली के लिए उड़ान भरी. सस्ती उड़ान सेवा देने वाली कंपनी स्पाइसजेट ने इस जैव जेट ईंधन से चलने वाली परीक्षण उड़ान का परिचालन किया. यह उड़ान सफल रही. बॉम्बार्डियर क्यू 400 विमान के जरिये इस उड़ान का परिचालन किया गया और इसमें आंशिक रूप से जैव जेट ईंधन का इस्तेमाल किया गया.
यह बायोफ्यूल जैट्रोफा के तेल एवं हाइड्रोजन के मिश्रण से बनाया गया है. इसके लिए आईआईपी में प्लांट लगाया गया है. संस्थान में बायोजेट फ्यूल तैयार किया जा रहा है.
बायोफ्यूल से फ्लाइट उड़ाने वाला भारत पहला विकासशील देश बन गया है। जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर बायोफ्यूल से चलने वाली फ्लाइट को फ्लैग ऑफ़ किया। इस सफल प्रयोग से भारत की अरब देशों पर तेल की निर्भरता कम हो सकेगी। साथ ही कार्बन उत्सर्जन में 80 फीसद तक कमी लाई जा सकेगी। pic.twitter.com/KMH2Pm9jVU
— Trivendra S Rawat (@tsrawatbjp) August 27, 2018
परीक्षण उड़ान पर करीब 20 लोग सवार थे, और इस विमान क्यू400 विमान में 78 सीटें हैं. एयरलाइन के एक अधिकारी ने बताया कि यह उड़ान करीब 25 मिनट की थी. स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि जैव जेट ईंधन की लागत कम बैठती है और साथ ही यह कॉर्बन उत्सर्जन घटाने में मदद करता है.
एयरलाइन ने अपने एक बयान में कहा कि एटीएफ की तुलना में जैवजेट ईंधन इस्तेमाल का फायदा यह है कि इससे कॉर्बन उत्सर्जन घटता है और साथ ही ईंधन दक्षता भी बढ़ती है. स्पाइसजेट ने कहा कि जट्रोफा फसल से बने इस ईंधन का विकास सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून ने किया है.