नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि अंतरिक्ष विभाग सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करेगा और देश में प्राइवेट सेक्टर को अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए सहयोग करेगा. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि निजी क्षेत्र को उनकी क्षमता में सुधार करने के लिए इसरो (ISRO) की सुविधाओं और अन्य प्रासंगिक संपत्तियों का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी.
राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया से बात करते हुए, केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि निजी कंपनियों को ग्रहों की खोज, अन्य अंतरिक्ष गतिविधियों में भागीदारी की अनुमति दी जाएगी और सरकार भारतीय अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाएगी. सरकार उपग्रह प्रक्षेपण और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं में बराबर की भागीदारी का मौका देगी. Chandrayaan-3: इसरो साल 2021 के मध्य तक लांच कर सकता है चंद्रयान-3
केंद्र निजी कंपनियों के लिए एक पूर्वानुमानित नीति और विनियामक माहौल के साथ आएगा. यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है. निजी क्षेत्र को उनकी क्षमता में सुधार करने के लिए इसरो सुविधाओं और अन्य प्रासंगिक संपत्तियों का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने आगे घोषणा की कि निजी क्षेत्र के तकनीकी-उद्यमियों के लिए रिमोट सेसिंग डेटा तक पहुंच के लिए उदार जियोस्पेशल डेटा नीति तैयार की जाएगी.