Farmers Protest: केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवी बार वार्ता हुई. लोगों को लगा था कि इस बार बीच का कोई रास्ता निकल जाएगा. लेकिन पांचवे दौर के वार्ता में भी नए कृषि कानून को लेकर कोई रास्ता नहीं निकल सका. किसानों और सरकार के बीच अब अगले दौर की वार्ता 9 दिसंबर को होगा. बातचीत के दौरान किसानों ने सरकार से कहा कि उन्हें कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहिए. इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसान को नहीं. इसलिए किसान चाहते हैं कि सरकार इस कानून को रद्द कर कोई नया कानून बनाए.
सरकार से बातचीत के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है. हम पिछले कई दिनों से सड़क पर हैं. अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं है. हम अहिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे. इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचित करेगा कि हम विरोध स्थल पर क्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं. इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसान को नहीं. वहीं किसान अपना आंदोलन खत्म करें केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील की हैं. यह भी पढ़े: Farmers Protest: AAP नेता राघव चड्ढा का केंद्र पर निशाना, कहा-इतनी सरल मांगों के बावजूद रोज बैठक करने का क्या मतलब, सरकार नियत साफ रखे और किसानों की बात माने
#UPDATE: It was decided at the meeting that the next round of talks between farmer leaders and central government to be held on December 9th, on the request of all stakeholders. #FarmLaws2020 pic.twitter.com/PprJ5YyPVV
— ANI (@ANI) December 5, 2020
किसानों का आंदोलन खत्म हो सरकार और किसानों के बीच वार्ता से पहले सुबह में पीएम मोदी के आवास पर एक सुबह में बैठक हुई. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गृह मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय मंत्री पियूष गोयल, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठक में मौजूद थे. वहीं बैठक किसान अपना आंदोलन खत्म करे केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील की हैं.
I appeal to all of you to kindly ask senior citizens and children, at the protest site, to go home: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar requests the farmer leaders present in the meeting over Farm laws
(File photo) pic.twitter.com/rSAKjonOB3
— ANI (@ANI) December 5, 2020
किसानों की मांगे:
किसान संगठन मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नये कृषि कानून, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इन कानूनों का फायदा किसानों को नहीं, बल्कि कॉरपोरेट को होगा.केंद्रीय मंत्रियों के साथ मंगलवार को बैठक में इन तीनों कानूनों पर चर्चा होगी.
वहीं दूसरा बड़ा मसला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की गारंटी का है.किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी दे. तीसरा मसला पराली दहन से संबंधित है. केंद्र सरकार ने हाल ही में पराली दहन पर रोक लगाने के लिए एक अध्यादेश लाया है जिसमें नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक जेल की सजा या एक करोड़ रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. किसान नेता इस अध्यादेश के मसले पर भी बातचीत करना चाहते हैं. (इनपुट आईएएनएस)