Farmers Protest Updates: किसानों और केंद्र सरकार के बीच आज होगी बातचीत, प्रदर्शन के चलते सिंधु-टिकरी बॉर्डर बंद
किसान आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक अलर्ट जारी किया है. अलर्ट में कहा गया है, "सिंघु बॉर्डर दोनों ओर से अभी भी बंद है. कृप्या कोई वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करें. बहुत ज्यादा जाम है. कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और इसके विपरीत, जीटीके रोड, एनएच 44 और सिंघू बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड से बचें." जीटीके रोड और मुबरका चौक से ट्रैफिक डाइवर्ट किया जा रहा है."
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले पांच दिनों से हजारों की संख्या में किसान डेरा डाले हुए हैं. किसानों के विरोध प्रदर्शन पर अब केंद्र सरकार एक्टिव हो गई है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है. आज दोपहर तीन बजे विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच बातचीत होगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं को कोविड-19 महामारी एवं सर्दी का हवाला देते हुये तीन दिसंबर की जगह मंगलवार को बातचीत के लिये आमंत्रित किया है.
अधिक किसानों के आज दिल्ली की सीमा तक पहुंचने की उम्मीद है. प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली में पांच एंट्री पॉइंट्स को अवरुद्ध करने की धमकी दी है. इस बीच पुलिस ने 2 एंट्री पॉइंट्स बंद कर दिए हैं और दो अन्य पर प्रतिबंध लगा दिया है. किसान आंदोलन के बीच वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-कृषि कानूनों को लेकर झूठ फैलाने का खेल जारी है.
किसान आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक अलर्ट जारी किया है. अलर्ट में कहा गया है, "सिंघु बॉर्डर दोनों ओर से अभी भी बंद है. कृप्या कोई वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करें. बहुत ज्यादा जाम है. कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और इसके विपरीत, जीटीके रोड, एनएच 44 और सिंघू बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड से बचें." जीटीके रोड और मुबरका चौक से ट्रैफिक डाइवर्ट किया जा रहा है."
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा, किसी भी यातायात के लिए टिकरी बॉर्डर बंद है. बदुसराय और झटीकरा बॉर्डर केवल दोपहिया वाहन के लिए खुले हैं. हरियाणा के लिए उपलब्ध खुले बॉर्डर हैं - झारोदा, धनसा, दौराला, कापसहेरा, राजोखरी NH 8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेरा.
दिल्ली में पंजाब किसान संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सुखविंदर सब्रन ने कहा, "देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है. हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता.''
किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से कृषि कानूनों के फायदे गिनाएं. पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को किसानों के लिए हितकारी करार दिया. पीएम मोदी ने वाराणसी में कहा, "नए कृषि कानून किसानों के लाभ के लिए लाए गए हैं. किसानों को उनके हितों के लिए भविष्य में गलत और आधारहीन खतरों के नाम पर गुमराह किया जा रहा है." पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल किसानों को बर्गला रहे हैं और सरकार के खिलाफ उकसा रहे हैं.