भोपाल, 6 जनवरी : केंद्र सरकार (central government) के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जहां देश के कई हिस्सों में आंदोलन-प्रदर्शन चल रहे हैं, वहीं मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस ने आंदोलन का समर्थन करते हुए किसानों के बीच पैठ बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं. इसी क्रम में जगह-जगह सम्मेलन और विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. कांग्रेस ने विधानसभा सत्र के पहले दिन (28 दिसंबर) कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था, मगर कांग्रेस ने कोरोना संक्रमण के चलते अपनी रणनीति में बदलाव कर खिलौने वाले ट्रैक्टर के साथ विधानसभा परिसर में गांधी की प्रतिमा के सामने मौन धरना रखा था.
अब कांग्रेस किसानों के बीच पैठ बनाने के लिए जगह-जगह किसान सम्मेलन करने के साथ विरोध प्रदर्शन कर रही है और इसकी कमान किसान नेता रहे सुभाष यादव के पुत्र और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव को सौंपी गई है. अरुण यादव की अगुवाई में मंगलवार को विदिशा के सिरोंज में विरोध प्रदर्शन हुआ और बुधवार को सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में कांग्रेस के तमाम नेता विरोध प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतरे. यह भी पढ़ें : Farmer Dies by Suicide in MP: मध्य प्रदेश में किसान ने की आत्महत्या, कांग्रेस ने केंद्र से पूछा-आखिर कब जागोगे सरकार
यादव का कहना है कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून किसानों को बर्बादी की ओर ले जाने वाले हैं, इसलिए केंद्र सरकार को इन्हें रद्द करना चाहिए. ऐसा नहीं होता है तो कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और किसानों के हित की लड़ाई लड़ी जाएगी. राजनीति विश्लेषक रवींद्र व्यास का मानना है कि कांग्रेस किसान आंदोलन के जरिए किसानों के बीच अपनी जमीन को पुख्ता करना चाहती है. इस समय राज्य में कृषि कानूनों के खिलाफ कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन किसानों की ओर से नहीं हो रहा है, लिहाजा कांग्रेस ने इस आंदोलन की कमान संभालकर आगे आई है. यह भी पढ़े : Farmer Dies by Suicide in MP: मध्य प्रदेश में किसान ने की आत्महत्या, कांग्रेस ने केंद्र से पूछा-आखिर कब जागोगे सरकार
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी किसान आंदोलन पूरे प्रदेश में चलाना चाहती है और इसकी शुरुआत सिरांेज से हो चुकी है. आगामी दिनों में विभिन्न स्थानों पर किसान सम्मेलन होंगे और विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. इस आंदोलन की कमान अरुण यादव के हाथ में रहने वाली है, क्यांेकि उनके पिता सुभाष यादव की राज्य में पहचान सहकारिता और किसान नेता की रही है. कांग्रेस सुभाष यादव द्वारा जमीनी स्तर पर चलाए गए अभियानों का उनके पुत्र के जरिए लाभ उठाना चाहती है. अरुण यादव केंद्रीय मंत्री रहे हैं और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. उनके छोटे भाई सचिन यादव कमल नाथ सरकार में कृषि मंत्री थे.