उत्तर प्रदेश के नाराज किसान अपनी मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली के किसान घाट पर धरना देंगे. शनिवार को नोएडा से चिल्ला बॉर्डर के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करेंगे. किसानों के पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है. बड़ी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर तक पहुंच चुके हैं. दिल्ली में प्रवेश कर सभी किसान घाट पर धरना प्रदर्शन करेंगे. माना जा रहा है कि अगर पुलिस किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति देती है तो चिल्ला बॉर्डर से राजघाट के समीप किसान घाट से सटे इलाकों में यातायात भी प्रभावित हो सकता है. शुक्रवार रात तक हुई दोनों पक्षों में बातचीत के बाद यही निष्कर्ष निकला था कि अगर किसान दिल्ली पुलिस के निर्देशों के हिसाब से चलेंगे तभी उन्हें दिल्ली में प्रवेश मिल पाएगा.
किसानों को स्पष्ट कहा गया है कि दिल्ली में ट्रैक्टर ट्रॉली के सवारी गाड़ी की तरह इस्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी है. अगर किसान अपनी गाड़ियां बॉर्डर पर छोड़कर पैदल मार्च कर किसान घाट तक जाते हैं तो उन्हें जाने दिया जाएगा. किसानों को ट्रैक्टर-ट्रॉली से किसान घाट तक जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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नाराज यूपी के किसान दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन-
UP farmers begin march from Noida Sector-69 to Delhi's Kisan Ghat, over their demands of payment of sugarcane crop dues, full loan waiver and making electricity used in farming free among others. pic.twitter.com/gPb2YY8gYm
— ANI UP (@ANINewsUP) September 21, 2019
किसान की संख्या को देखते हुए भारी पुलिसबल तैनात है और कई रूट डायवर्ट किए गए हैं. किसान गाजियाबाद के यूपी गेट पहुंच गए हैं. इसके बाद दिल्ली की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को कौशांबी की तरफ डायवर्ट कर दिया गया है. NH-9 पर दिल्ली की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को बंद किया गया है लेकिन दिल्ली की तरफ से आने वाले वाहनों का आना जाना जारी है. बता दें, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 11 सितंबर को शुरू हुई भारतीय किसान संगठन की पद यात्रा शुक्रवार को नोएडा पहुंची. आसपास के दूसरे जिलों में रुके हजारों किसान शनिवार सुबह तक नोएडा पहुंचें. शनिवार को किसानों का यह काफिला दिल्ली के किसान घाट पहुंचेगा.
क्या है किसानों की मांगें
किसानों की कई मांगे हैं. किसान चाहते हैं कि उन्हें कम रेट पर बिजली मिले, गन्ने का भुगतान ब्याज सहित हो, किसान पेंशन शुरू हो, गोवंश की देखभाल का भत्ता बढ़ाया जाए, किसान दुर्घटना बीमा मिले, किसान और मजदूरों की शिक्षा और स्वास्थ्य मुफ्त हो, स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो साथ ही किसानों की कर्ज माफी भी की जाए. किसान नेताओं का कहना है कि हम अपनी मांगें शांतिपूर्ण तरीके से रखने आए हैं. अगर सरकार हमें रोकेगी तो हम विरोध नहीं करेंगे लेकिन जहां भी रोका जाएगा वहीं पर भूख हड़ताल करेंगे.