Farmers Protest: कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को किसानों द्वारा किया गया चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से खत्म हो गया है. पूरे देश में चक्कजाम का कुछ हद तक असर भी देखने को मिला है. कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में किसान सड़क पर उतरे और अपना विरोध दर्ज कराया. किसानों का यह चक्का जाम दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक था. चक्का जाम खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने तीनों कानून वापसी के लिए सरकार को दो अक्टूबर तक का समय दिया है.
राकेश टिकट ने मीडिया के बातचीत में कहा, सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा. वहीं उन्होंने सरकार को कानून वापसी के लिए समय देते हुए कहा कि किसानों की तरफ से कानून वापसी के लिए दो अक्टूबर तक का समय दिया जा रहा है. इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे. लेकिन दबाव में सरकार के साथ बातचीत नही होगी. यह भी पढ़े: Farmers Protest: दिग्विजय सिंह का सरकार पर निशाना, कहा- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को नहीं है खेती की समझ
We have given time to the government till 2nd October to repeal the laws. After this, we will do further planning. We won't hold discussions with the government under pressure: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/HwqBYDIH5C
— ANI (@ANI) February 6, 2021
किसान नेता राकेश टिकैत इसके पहले भी सरकार को चेतावनी देते हुए कह चुके है कि उनका आंदोलन खत्म होने वाला नहीं है. उनका यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा. इस बीच आगे आंदोलन की तारीख दी जायेगी. लेकिन जब तक कृषि कानून वापस नहीं लिए जायेंगे. तब तक किसानों का यह आंदोलन चलता रहेगा. इसके लिए किसानों को जो भी बलिदान देना होगा किसान बलिदान देंगे. लेकिन बॉडर से नहीं हटेंगे.
किसानों के आंदोलन को लेकर ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार को तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगें मान लेनी चाहिये. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी किसानों के हितों की उपेक्षा कर कुछ उद्योगपतियों के फायदे के लिये ये कानून लाई है. (इनपुट एजेंसी के साथ)