Farmers Protest: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं किसान, कहा- ये हमारा आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार का पैंतरा, संघर्ष जारी रहेगा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है. यह रोक अगले आदेश तक लागू रहेगी. देश की शीर्ष कोर्ट ने चार सदस्यों की कमेटी गठित करने का फैसला किया है. हालांकि किसान सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नजर नहीं आ रहे है.

किसान आंदोलन (Photo Credits: PTI/File)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को लागू करने पर रोक लगा दी है. यह रोक अगले आदेश तक लागू रहेगी. देश की शीर्ष कोर्ट ने चार सदस्यों की कमेटी गठित करने का फैसला किया है. यह कमेटी किसानों की आपत्तियों पर विचार करेगी. हालांकि किसान सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नजर नहीं आ रहे है. किसानों का कहना है कि उनका आंदोलन खत्म करवाने के लिए यह केंद्र सरकार का एक पैंतरा हो सकता है. रणदीप सुरजेवाला का केंद्र पर निशाना, कहा-मोदी सरकार कानूनों में 18 संशोधन करने के लिए तैयार है, साफ है कि ये कानून गलत हैं. 

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सिंघु बॉर्डर से एक किसान ने कहा “सुप्रीम कोर्ट के रोक का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह सरकार का एक तरीका है कि हमारा आंदोलन बंद हो जाए. यह सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है यह सरकार का काम था, संसद का काम था और संसद इसे वापस ले. जब तक संसद में ये वापस नहीं होंगे हमारा संघर्ष जारी रहेगा.”

कृषि कानून के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मसले का हल निकालने के लिए कमेटी बनाना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है जिनमें कृषि विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ होंगे. कोर्ट ने कहा कि कमेटी न्यायिक प्रक्रिया का  हिस्सा है. अगर किसान हल चाहते हैं तो कमेटी के सामने पेश हो. यह कमेटी खुद कोर्ट तय करेगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली आयोजित करने को लेकर किसान संगठनों को नोटिस भेजा है.

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद से किसानों ने 26 नवंबर से इन कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और दिल्ली आने वाली सीमाओं पर डंटे हुए है.

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