Farmers Protest: सरकार के प्रस्ताव के बाद बढ़ी किसानों की नाराजगी, पूरे देश में प्रदर्शन का किया ऐलान
सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसानों ने फैसला लिया कि जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते, आंदोलन नहीं रुकेगा.
नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 15वें दिन भी जारी है. किसानों ने केंद्र के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है. इस बीच किसानों ने नया कानून वापस लिए जाने तक आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर दिया है. सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसानों ने फैसला लिया कि जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते, आंदोलन नहीं रुकेगा. किसानों ने ऐलान किया कि शनिवार को जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे को बंद करेंगे तथा आंदोलन को तेज करते हुए 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे.
किसान संगठनों के नेताओं ने प्रस्ताव को देश के किसानों का अपमान करार दिया. किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है और 'संयुक्त किसान समिति' ने बुधवार को अपनी बैठक में इसे पूरी तरह खारिज कर दिया. किसान नेताओं का कहना है कि, अगर बातचीत के लिए सरकार नया प्रस्ताव भेजती है तो वे उस पर विचार किया जा सकता है. Farmers Protest: ब्रिटेन की संसद में उठा भारत में किसानों के आंदोलन का मुद्दा, PM बोरिस जॉनसन के जवाब ने किया अचंभित.
किसानों का आंदोलन 15वें दिन भी जारी:
कृषि कानून को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है. बुधवार को विपक्ष के पांच नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की, जिसमें नए कृषि कानून को खारिज करने मांग की गई. इस बैठक में शरद पवार, राहुल गांधी, सीताराम येचुरी शामिल हुए. मीटिंग के बाद राहुल गांधी ने मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया.
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, "देश का किसान समझ गया है कि मोदी सरकार ने उन्हें धोखा दिया है और अब वो पीछे नहीं हटने वाला क्योंकि वो जानता है कि अगर आज समझौता कर लिया तो उसका भविष्य नहीं बचेगा. किसान हिंदुस्तान है! हम सब किसान के साथ हैं, डटे रहिए."