Farmers Protest: कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे किसानों के बीच एक बार फिर से कल यानी बुधवार को बातचीत होने जा रही हैं. उम्मीद जताई जा रही हैं कि कल होने वाली बैठक के दौरान किसानों का आंदोलन खत्म करने को लेकर बीच का रास्ता निकल जाएगा. यदि बीच का रास्ता नहीं निकला तो किसानों का आंदोलन लंबा खिंच सकता हैं. इस बीच किसान नेताओं ने बातचीत से पहले सरकार को एक पत्र लिखा हैं. जिसमें कृषि कानूनों से जुड़े चार अहम बातें रखीं हैं.
सरकार और किसानों के बीच बैठक से एक दिन पहले सरकर को लिखे पत्र से जाहिर होता है कि किसानों की बाते नहीं मानी गई तो वे अपना आंदोलन खत्म करने वाले नहीं हैं. इसलिए वे सरकार के पास अपने तैयारी के साथ जाना चाहते हैं. इसलिए वे किन मुद्दों पर सरकार से बात करनी है सरकार को पत्र लिख अपनी मांगों के बारे में एक बार फिर से बता दिया है कि सरकार के इस इन मुद्दों पर किसान बात करना चाहते हैं. यह भी पढ़े: Farmers Protest: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता का आप सरकार पर निशाना, कहा-राजधानी में MSP लागू ना कर किसानों के दुश्मन बने बैठे हैं केजरीवाल
Farmer unions accept government's invitation for dialogue on Dec 30, puts up four-point agenda for talks
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— ANI Digital (@ani_digital) December 29, 2020
किसानों की 4 प्रमुख मांगे:
1- तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाए
2- सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान तय किया जाए.
3- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020" में ऐसे संशोधन हों जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं.
4- किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे को वापस लेने की प्रक्रिया.
गौरतलब हो कि किसानों के आंदोलन को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच अबतक 6 दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन बीच का रास्ता अब तक नहीं निकल पाया हैं. क्योंकि किसान जहां कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं वहीं सरकार कानून में सिर्फ संशोधन की बात कर रही हैं. जिसकी वजह से किसानों का आंदोलन खींचता जा रहा है.