Kannada Filmmaker Guruprasad Committed Suicide: कन्नड़ फिल्म जगत के मशहूर निर्देशक गुरु प्रसाद ने आत्महत्या कर ली है. उनका शव बेंगलुरु के मदनायकनहल्ली स्थित उनके अपार्टमेंट में मिला. जानकारी के अनुसार, पड़ोसियों ने उनके फ्लैट से आ रही दुर्गंध के बाद पुलिस को सूचना दी थी. पुलिस ने उन्हें पंखे से लटका हुआ पाया, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही सुसाइड किया है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 'रंगनायक' की असफलता और उससे उत्पन्न आर्थिक तंगी ने शायद उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर कर दिया.
गुरु प्रसाद के असामयिक निधन से कन्नड़ फिल्म जगत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है. उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा. उनके निधन की खबर ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है.
कन्नड़ फिल्म निर्माता गुरु प्रसाद के बारे में:
2 नवंबर 1972 को रामनगर में जन्मे गुरु प्रसाद ने कन्नड़ सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. अपने अनोखे अंदाज और गहरी कहानी कहने की कला के लिए मशहूर, गुरु प्रसाद ने 2006 में अपनी पहली फिल्म 'माटा' के साथ निर्देशन की दुनिया में कदम रखा. इस फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों से भरपूर सराहना मिली और उनकी फिल्मी यात्रा की एक मजबूत शुरुआत हुई. उनकी अगली फिल्म, 'एद्देलु मंजुनाथा' (2009), ने उन्हें कर्नाटक राज्य फिल्म पुरस्कार दिलाया. इस फिल्म ने उन्हें इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया.
सुसाइड का कारण?
गुरु प्रसाद अपनी फिल्मों में जैन धर्म से जुड़े मुद्दों पर व्यंग्य और समाज की गंभीर वास्तविकताओं को सरलता से प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते थे, जिससे दर्शकों और समीक्षकों दोनों का दिल जीता. गुरु प्रसाद की बाद की फिल्मों में 'डायरेक्टर स्पेशल' (2013) और 'एराडाने साला' (2017) शामिल हैं. उनकी नवीनतम फिल्म 'रंगनायक' (2024) थी, जिसे बॉक्स ऑफिस पर असफलता का सामना करना पड़ा. इस असफलता के कारण वह गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे.