दूतावासों तक पहुंचा ओडिशा में नेपाली छात्रा की मौत का मामला
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

भुवनेश्वर के एक निजी विश्वविद्यालय में हुई नेपाल की छात्रा की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. खासकर विश्वविद्यालय प्रशासन के व्यवहार के बाद दोनों देशों के दूतावासों को हस्तक्षेप करना पड़ा है.ओडिशा के भुवनेश्वर में एक निजी विश्वविद्यालय कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी में नेपाल की एक छात्रा की मौत का मामला गरमाता जा रहा है. घटना की गंभीरता को देखते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि नेपाल ने अपने दो अधिकारियों को भारत भेजा है ताकि वे वहां मौजूद दूसरे नेपाली छात्रों की मदद कर सकें.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 20 साल की प्रकृति लामसल बीते रविवार की शाम को अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई थीं. पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया है. पुलिस ने कॉलेज के ही एक दूसरे छात्र को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नाराजगी

छात्रा की मौत के बाद वहां पढ़ रहे दूसरे छात्रों ने जांच की मांग करते हुए घटना के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप था कि कथित तौर पर इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने नेपाल के करीब 500 से अधिक छात्रों को कैंपस खाली करने का आदेश जारी किया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस आदेश के बाद बड़ी संख्या में नेपाली छात्र अपने अपने घरों को लौटने लगे. सोशल मीडिया पर भी प्रदर्शन और छात्रों के घर लौटने के वीडियो देखने को मिले. प्रशासन का कहना है कि उन्होंने छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर ये फैसला किया था. हालांकि, नेपाल छात्र संघ ने अपने बयान में कहा है कि प्रशासन ने ऐसा प्रदर्शन को खत्म करने के लिए किया.

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इसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ा. यूनिवर्सिटी को ना सिर्फ अपना फैसला वापस लेना पड़ा बल्कि आधिकारिक बयान जारी कर नेपाली छात्रों से वापस आने की अपील भी करनी पड़ी. एक्स पर अपने बयान में प्रशासन ने लिखा कि उनका कैंपस छात्रों के लिए बिलकुल सुरक्षित है. नेपाली छात्रों की वापसी के लिए उन्होंने एक कंट्रोल रूम भी बनाया है और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.

वहीं, छात्रा की मौत के मामले में प्रशासन ने दो सुरक्षाकर्मियों, हॉस्टल कर्मचारियों, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी समेत अपने अंतरराष्ट्रीय मामलों के लिए जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित कर दिया है.

दूतावासों के हस्तक्षेप के बाद विश्वविद्यालय को मांगनी पड़ी माफी

जब छात्र प्रदर्शन कर रहे थे तब विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों के ऐसे वीडियो सामने आए जिनमें वे छात्रों को कथित तौर पर धमकाते दिखे थे. प्रशासन ने कुछ कर्मचारियों की माफी मांगते हुए वीडियो भी पोस्ट की है. पोस्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय, नेपाल में भारतीय दूतावास, विदेश मंत्रालय समेत कई जरूरी विभागों को टैग किया गया है.

हर साल भारत में पढ़ाई के लिए सबसे ज्यादा छात्र नेपाल से ही आते हैं. इसलिए दोनों देशों के दूतावासों और अधिकारियों ने तुरंत इस मामले का संज्ञान लिया. नेपाल में भारतीय दूतावास ने एक्स पर लिखा कि वे विश्वविद्यालय प्रशासन और ओडिशा सरकार के संपर्क में हैं और उन्हें जानकारी दी गई है कि स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है. उन्होंने यह भी लिखा कि भारत में पढ़ रहे नेपाल के छात्र दोनों देशों के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी हैं. भारत सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सारे कदम उठाएगी.

इसी बीच नेपाल के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों और संस्थापक से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली. भारत में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर शर्मा ने भी इनसे फोन पर बात की.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मृत लड़की के पिता का कहना है कि उनकी बेटी को परेशान और ब्लैकमेल किया जा रहा था. इसके कारण ही उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के विद्यार्थी संघ ने कहा है कि प्रकृति ने इस बात की शिकायत की थी कि उसे एक छात्र परेशान कर रहा है लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. नेपाली छात्र कैंपस तो लौटने लगे हैं लेकिन सुरक्षा को लेकर अभी भी उनके मन में संदेह है.

आरआर/एनआर