मुंबई: अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला, भारत में एक बड़ा निवेश करने की योजना बना रही है. फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क ने भारत में लगभग 3 अरब डॉलर (2 अरब 50 करोड़ 28 लाख 68 हजार 500 रुपये) की फैक्ट्री लगाने का प्लान तैयार किया है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अप्रैल के अंत में टेस्ला की टीम भारत में जगह तलाशने के लिए आने वाली है.
क्यों भारत में निवेश?
टेस्ला के इस कदम के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
अमेरिका और चीन में मांग में कमी: टेस्ला के मुख्य बाजार अमेरिका और चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में कमी आई है और प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है. इस वजह से कंपनी को पहली तिमाही में डिलीवरी में गिरावट का सामना करना पड़ा है.
भारत में बढ़ता EV बाजार: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. सरकार ने 2030 तक 30% कारों को इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा है.
सरकार की नीतियां: भारत सरकार ने हाल ही में कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात कर कम किया है, बशर्ते कि कंपनियां भारत में उत्पादन शुरू करें और निवेश करें. यह टेस्ला के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है.
🚨 Tesla Motors to send a team this month to scout locations in India for a proposed $2-$3 billion electric car plant. Maharashtra, Gujarat & Tamil Nadu in contention. (FT) pic.twitter.com/xAggOLt0EW
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) April 4, 2024
संभावित लोकेशन
रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहाँ पहले से ही ऑटोमोटिव हब मौजूद हैं.
टेस्ला का भारत में प्रवेश क्या प्रभाव डालेगा?
विश्लेषकों का मानना है कि टेस्ला का भारत में प्रवेश करने से कई फायदे होंगे:
ईवी निवेश में वृद्धि: टेस्ला के आने से अन्य कंपनियां भी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित हो सकती हैं.
स्थानीय ऑटो पार्ट्स निर्माताओं को लाभ: टेस्ला अपने वाहनों के लिए स्थानीय ऑटो पार्ट्स निर्माताओं से सामान खरीदेगी, जिससे उन्हें फायदा होगा.
रोजगार सृजन: टेस्ला के प्लांट से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
टेस्ला और भारत सरकार के बीच बातचीत
टेस्ला के अधिकारी पिछले एक साल से सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. जून में, एलन मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. कंपनी ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि वह भारत में 24,000 डॉलर कीमत वाली इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए एक फैक्ट्री स्थापित करने में रुचि रखती है.
टेस्ला का भारत में प्रवेश करने का फैसला भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के लिए एक बड़ा कदम होगा. इससे न केवल निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि भारत को इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र बनने में भी मदद मिलेगी.