आज पूरा देश धूमधाम से ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मना रहा है. हर साल पैगंबर मोहम्मद के जन्म दिवस पर ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाया जाता है. ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-e-Milad Un Nabi) या ईद-ए-मिलाद (Eid-e-Milad) के पावन मौके पर पीएम मोदी ने देश की जनता को बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की बधाई. पैगंबर मुहम्मद के विचारों से प्रेरित होकर, यह दिन समाज में सद्भाव और करुणा की भावना कायम रखें. इस विशेष दिन पर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर कहा, पैगम्बर मुहम्मद (स.) के जन्मदिन, मिलाद-उन-नबी के पाक मौके पर, मैं सभी देशवासियों, विशेष रूप से हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को मुबारकबाद देता हूं. पैगम्बर मुहम्मद की शिक्षाओं के अनुसार, आइए, हम सब, समाज की खुशहाली और देश में अमन व सुकून के लिए कार्य करें.
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी देश की जनता को इस पावन मौके पर बधाई दी. उन्होंने खा कि ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर दयालुता और भाईचारे की भावना सभी का मार्गदर्शन कर सकती है. बहुत बहुत बधाई. यह भी पढ़ें:- Eid Milad-Un-Nabi 2020: क्या है इतिहास और महत्व ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का? जानें यह उत्सव किसी के लिए खुशी तो किसी के लिए गम क्यों लाता है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी बधाई:-
पैगम्बर मुहम्मद (स.) के जन्मदिन, मिलाद-उन-नबी के पाक मौके पर, मैं सभी देशवासियों, विशेष रूप से हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को मुबारकबाद देता हूं। पैगम्बर मुहम्मद की शिक्षाओं के अनुसार, आइए, हम सब, समाज की खुशहाली और देश में अमन व सुकून के लिए कार्य करें।
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 30, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई:-
Best wishes on Milad-un-Nabi. Hope this day furthers compassion and brotherhood all across. May everybody be healthy and happy. Eid Mubarak!
— Narendra Modi (@narendramodi) October 30, 2020
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दी बधाई:-
On the occasion of #EidMiladUnNabi, may the spirit of kindness and brotherhood guide one and all.
Heartiest wishes.
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की दिल से मुबारकबाद!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 30, 2020
बता दें कि इस्लामिक मान्यतानुसार इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था, जिन्हें इस्लाम धर्म का संस्थापक माना जाता है. सुन्नी मुसलमान इस दिन हजरत मोहम्मद के पवित्र वचनों को पढ़ते हैं और याद करते हैं, जबकि शिया मुसलमान खुद को मुहम्मद पैगंबर का उत्तराधिकारी मानते हैं. इस दिन मजलिसें लगाई जाती हैं. मस्जिदों में नमाज़ें अदा की जाती हैं.