Uttar Pradesh: प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का शिक्षा कौशल बढ़ाएगी योगी सरकार, दी जाएगी ग्रेडेड रीडिंग बुक्स

यूपी सरकार प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का शिक्षा कौशल बढ़ाने के लिए ग्रेडेड रीडिंग बुक्स देगी

सीएम योगी आदित्‍यनाथ (Photo Credits Facebook)

उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले डेढ़ करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं का शिक्षा कौशल बढ़ाएगी. प्रदेश सरकार के निर्देश पर छात्रों के बुनियादी शिक्षा कौशल बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से उनको ग्रेडेड रीडिंग बुक्‍स दी जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक ग्रेडेड रीडिंग बुक्‍स से छात्रों में पढ़ाई की क्षमता बढ़ेगी. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के कायाकल्‍प के साथ यहां पर पढ़ने वाले छात्रों की प्रतिभा को भी निखारने का काम शुरू कर दिया है.

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ग्रेडेड रीडिंग बुक्‍स के जरिए छात्रों में पढ़ने और आसानी से सीखने की प्रवृत्ति को डेवलप किया जाएगा.इस किताब की भाषा को बहुत ही सरल रखा गया है। इससे बच्‍चें आसानी से सीख सकेगें. इसके अलावा प्रदेश के प्राथमिक व उच्‍च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के रिपोर्ट कार्ड स्‍कूल के अंदर ही अब उनके अभिभावकों के सामने साझा किए जाएंगे.  पूरे साल कक्षा में छात्रों ने पढ़ाई कर कौन सा ग्रेड हासिल किया है। इसकी जानकारी शिक्षक विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्रों व उनके अभिभावकों के सामने पेश करेंगे. यह भी पढ़े: पूरा हो रहा है CM योगी का पूर्वांचल के विकास का सपना, धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन निभा रहा अहम भूमिका

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा कौशल बढ़ाने के लिए अभी हाल में सपोर्टिव एप्‍टीटयूड टेस्‍ट (एसएटी) परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसमें छात्रों को ए से लेकर ई ग्रेड तक दिया गया था. इसमें जि‍न छात्रों को डी और ई ग्रेड मिला है। उनके लिए स्‍कूलों में अलग से रेमेडियल कक्षाएं चलाई जाएंगी.

छात्रों की प्र‍गति की रियल टाइम होगी मॉनिटिरिंग

परिषदीय विद्यालय के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रदेश सरकार शिक्षा प्रणाली में लगातार बदलाव कर रही है. सरकार के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राथमिक व उच्‍च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की प्रगति की जांच के लिए रियल टाइम मॉनिटिरिंग की व्‍यवस्‍था शुरू की है. इससे कमजोर छात्रों को चिन्हित कर उनके लिए अलग से कक्षाओं का संचालन किया जाएगा. ताकि दूसरे छात्रों की तरह वह भी कक्षा में अव्‍वल आ सकें.

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