UGC Chairman On Introduction of CUET: सीयूईटी एग्जाम के चलते 12वीं की बोर्ड परीक्षा का महत्व नहीं होगा कम, जानें और क्या बोले यूजीसी अध्यक्ष
कुमार ने कहा कि सीयूईटी एक "चयन परीक्षा" है और बोर्ड परीक्षाएं "उपलब्धि परीक्षण" हैं. उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बनी रहेंगी क्योंकि उनका उपयोग उनके समग्र सीखने का आकलन करने के लिए किया जाएगा.
UGC Chairman On Introduction of CUET: यूजी प्रवेश के लिए सीयूईटी की शुरुआत के कारण कक्षा 12 के स्तर पर बोर्ड परीक्षा निरर्थक नहीं होगी. यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने इस बात की जानकारी दी है.
कुमार ने कहा कि सीयूईटी एक "चयन परीक्षा" है और बोर्ड परीक्षाएं "उपलब्धि परीक्षण" हैं. उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बनी रहेंगी क्योंकि उनका उपयोग उनके समग्र सीखने का आकलन करने के लिए किया जाएगा.
यूजीसी के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सीयूईटी "कोचिंग संस्कृति" को बढ़ावा नहीं देगा. उन्होंने कहा कि परीक्षा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम पर आधारित होगी और छात्र एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन कर इसकी तैयारी कर सकते हैं. यूजीसी के अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि बोर्ड परीक्षा छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बनी रहेगी.
सीयूईटी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है. यह राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित किया जाएगा और शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए अनिवार्य होगा.
सीयूईटी एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा होगी और इसे कई सत्रों में आयोजित किया जाएगा. परीक्षा 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी और इसमें कई विषयों को शामिल किया जाएगा.
सीयूईटी से अपेक्षा की जाती है कि वह सभी छात्रों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराए, भले ही उनकी पृष्ठभूमि या स्थान कुछ भी हो. इससे कई प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग लेने के लिए छात्रों पर दबाव कम होने की भी उम्मीद है.