Temple Management Course: धर्मस्थलों के संरक्षण और प्रबंधन में वैज्ञानिकता और आधुनिकता लाने की दिशा में एक अनूठा कदम उठाते हुए, मुंबई विश्वविद्यालय (Mumbai University) और ऑक्सफोर्ड सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज़ (Oxford Center For Hindu Studies) मिलकर जल्द ही टेंपल मैनेजमेंट यानि 'मंदिर प्रबंधन' में सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू करने जा रहे हैं. यूनिवर्सिटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कोर्स के लिए ऑक्सफोर्ड सेंटर के साथ एमओयू पर साइन किए हैं. यह कोर्स डिप्लोमा और सर्टिफिकेट लेवल पर ऑफर किया जाएगा. जिसके तहत ऑनलाइन एवं ऑफलाइन, दोनों मोड में पढ़ाई की जा सकेगी.
यह कार्यक्रम हिंदू दर्शन के समग्र अध्ययन के साथ देवस्थानों के प्रबंधन में आवश्यक कौशलों का एक संपूर्ण सम्मिश्रण पेश करेगा. इससे न केवल पारंपरिक ज्ञान का संवर्धन होगा, बल्कि आधुनिक प्रबंधन तकनीकों को भी धर्मस्थानों के उचित संचालन में समाहित किया जाएगा.
कार्यक्रम की खासियत:
समग्र ज्ञान का संगम: कार्यक्रम में हिंदू दर्शन, इतिहास, पुरातत्व, धर्मशास्त्र के साथ ही देवस्थानों के वित्तीय और प्रशासनिक प्रबंधन का ज्ञान भी दिया जाएगा.
विदेशी संस्थान का सहयोग: ऑक्सफोर्ड सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज़ के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन इस कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाएगा.
कौशल विकास पर जोर: कार्यक्रम में व्यावहारिक कौशल विकास पर भी बल दिया जाएगा, जिसमें मंदिर के दैनिक कार्यों का प्रबंधन, त्योहारों का आयोजन, धर्मार्थ कार्यों का संचालन और पारदर्शिता बनाए रखने के तरीके शामिल होंगे.
रोजगार के नए अवसर: इस कार्यक्रम को पूरा करने वाले व्यक्तियों के लिए धर्मस्थानों के प्रबंधन, तीर्थ स्थानों के विकास और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे.
⚡Mumbai University and the Oxford Center for Hindu Studies will soon begin offering a certification program in "Temple Management." pic.twitter.com/Lhu0g0U4gs
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) December 23, 2023
विश्वविद्यालय की पहल
मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि, "यह कार्यक्रम न केवल देवस्थानों के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाएगा, बल्कि यह भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का भी एक महत्वपूर्ण कदम है."
हर्ष व्यक्त करते हुए ऑक्सफोर्ड सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज़ के निदेशक प्रोफेसर ने कहा कि, "मुंबई विश्वविद्यालय के साथ यह सहयोग आधुनिकता और परंपरा के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का निर्माण करेगा.
संभावनाओं से भरपूर भविष्य
'देवस्थान प्रबंधन' में सर्टिफिकेट प्रोग्राम भारत के धार्मिक इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में एक सकारात्मक योगदान देने की उम्मीद जगाता है. यह आशा की जाती है कि इस कार्यक्रम से प्रशिक्षित व्यक्ति पूरे विश्व में फैले भारत के धर्मस्थानों के कुशल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.