Maharashtra Scholarship Exam: महाराष्ट्र में अब चौथी और सातवीं के छात्रों की होगी स्कॉलरशिप परीक्षा, जानें क्या होंगे नए नियम

महाराष्ट्र स्कॉलरशिप परीक्षा में बड़े बदलाव हुए हैं. अब क्लास 5 की बजाय 4 और 8 की बजाय 7 के छात्र यह परीक्षा दे सकेंगे.ये बदलाव इसी वर्ष से लागू होंगे. इससे छात्रों की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी होगी.

Credit-(Wikimedia commons)

Maharashtra Scholarship Exam : महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने राज्य की स्कॉलरशिप (Scholarship Exam) परीक्षा के नियमों में बड़ा बदलाव किया है.अब यह परीक्षा पांचवीं और आठवीं के बजाय चौथी और सातवीं के छात्रों के लिए आयोजित की जाएगी. इस नई प्रणाली की शुरुआत इसी शैक्षणिक वर्ष से होने जा रही है. इसके साथ ही परीक्षा के स्वरूप, शुल्क और नाम में भी बदलाव किया गया है. सरकार का मानना है कि इस कदम से छात्रों की गुणवत्ता में सुधार होगा और उनकी प्रतियोगी क्षमता बढ़ेगी.अब तक महाराष्ट्र में पूर्व उच्च प्राथमिक स्कॉलरशिप परीक्षा पांचवी और पूर्व माध्यमिक स्कॉलरशिप परीक्षा आठवीं आयोजित की जाती थी.

लेकिन अब इन परीक्षाओं को चौथी और सातवीं के लिए किया जाएगा.ये भी पढ़े:Pune Zila Parishad Schools: स्कॉलरशिप की परीक्षा में 214 स्कुलों का रिजल्ट जीरो! पुणे के जिला परिषद की स्कूलों का हाल, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को थमाया कारण बताओ नोटिस

परीक्षा दो बार आयोजित होगी

पांचवीं और आठवीं की परीक्षा फरवरी 2026 के दूसरे या तीसरे रविवार को होगी.चौथी और सातवीं की परीक्षा अप्रैल या मई 2026 में ली जाएगी.शैक्षणिक सत्र (Academic Session) 2026-27 से यह नई प्रणाली नियमित रूप से लागू होगी.

स्कॉलरशिप की राशि और अवधि

चौथी कक्षा के छात्रों को हर साल 5,000 रूपए की स्कॉलरशिप (Scholarship ) दी जाएगी.सातवीं कक्षा के छात्रों को हर साल 7,500 रूपए की स्कॉलरशिप मिलेगी.दोनों छात्रवृत्तियों की अवधि तीन वर्ष तय की गई है.

क्यों किया गया बदलाव?

महाराष्ट्र में यह स्कॉलरशिप परीक्षा वर्ष 1954-55 से आयोजित की जा रही है. 2016 से इसे पांचवीं और आठवीं के लिए लागू किया गया था, लेकिन इसके बाद परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई.सरकार ने पाया कि छात्रों की भागीदारी घट रही है और स्थानीय निकायों के छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना कमजोर हो रही है. इसलिए अब दोबारा चौथी और सातवीं के स्तर पर परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि बच्चों में शैक्षणिक गुणवत्ता (Educational Quality) और शिक्षक-विद्यार्थी दोनों की तैयारी में सुधार हो.

पात्रता और नियम

प्राथमिक स्कॉलरशिप परीक्षा के लिए छात्र की अधिकतम आयु 1 जून को 10 वर्ष, जबकि दिव्यांग छात्रों के लिए 14 वर्ष से कम होनी चाहिए.उच्च प्राथमिक शिष्यवृत्ति परीक्षा के लिए आयु सीमा 13 वर्ष, और दिव्यांगों के लिए 17 वर्ष तक निर्धारित की गई है.सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए प्रवेश शुल्क 50 रूपए और परीक्षा शुल्क 150 रूपए रहेगा.अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और दिव्यांग छात्रों के लिए प्रवेश शुल्क 50 रूपए और परीक्षा शुल्क 75 रूपए तय किया गया है.प्रत्येक विद्यालय को प्रति वर्ष 200 रूपए का पंजीकरण शुल्क राज्य परीक्षा परिषद में जमा करना होगा.

सीबीएसई और आईसीएसई छात्रों के लिए भी अवसर

शासनमान्य विद्यालयों के साथ-साथ CBSE, ICSE और अन्य बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के छात्रों को भी इस स्कॉलरशिप परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते वे निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करें.

 

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