रॉबर्ट वाड्रा के ठिकानों पर 16 घंटे तक छापेमारी, वकील ने कहा- चुनाव के चलते साजिश

प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने शुक्रवार को रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़े कुछ लोगों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. ये छापे रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने के संबंध में मारे गए हैं. ED की यह कार्रवाई करीब 16 घंटे तक चली.

रॉबर्ट वाड्रा (Photo Credit: Twitter)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने शुक्रवार को रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़े कुछ लोगों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. ये छापे रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने के संबंध में मारे गए हैं. ED की यह कार्रवाई करीब 16 घंटे तक चली. बता दें कि ED की ये छापेमारी रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने से जुड़े मामले को लेकर की गई है. स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी के एडवोकेट तबरेज का आरोप है कि ईडी दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित वाड्रा के ऑफिस में दरवाजे तोड़कर अंदर घुसी और कर्मचारियों को 13 से 14 घंटे तक बंद रखा. उनका कहना है कि ईडी ने गेट में लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया और ऑफिस को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया.

वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने इन छापों को 'बदले की राजनीति और दुर्भावनापूर्ण बताया.'खेतान ने कहा, "पांच वर्षो से, वर्तमान सरकार ने मेरे मुवक्किल वाड्रा को डराने, उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का हरसंभव प्रयास किया है. सरकार ने बदनीयती और उनकी छवि को बिगाड़ने और उनके परिजनों पर निशाना साधने के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग समेत सभी एजेंसियों का इस्तेमाल किया."

खेतान ने कहा, "यह राजस्थान और तेलंगाना में हुए चुनाव के दौरान लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से हटाने के लिए किया गया प्रयास है." उन्होंने कहा, "छापे पूरी तरह से अवैध तरीके से सुबह से ही मारे जा रहे हैं और किसी भी कर्मचारी को परिसरों में जाने की अनुमति नहीं है." खेतान ने कहा, "इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि सरकार या ईडी बार-बार आग्रह करने के बाद भी कार्यालय खोलने के लिए कर्मचारियों का इंतजार नहीं कर रहे थे."

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अवैध रूप से दरवाजों और तालों को तोड़ दिया और कार्यालय में प्रवेश कर गए. उन्होंने कार्यालय के सभी केबिन के ताले भी तोड़ दिए हैं. ईडी अधिकारी कार्यालय के अंदर हैं और वे न तो वकील को अंदर जाने दे रहे हैं, और न किसी अन्य प्रतिनिधि को ही.

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