नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते जल प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने यमुना नदी और जलाशयों में दुर्गा मूर्ति के विसर्जन पर रोक लगा दी है. DPCC ने किसी भी जलाशय में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी और लोगों से कहा कि वे अपने घरों में ही बाल्टी या कंटेनर में मूर्ति विसर्जन करें. समिति ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप नदियों और झीलों में होने वाला प्रदूषण चिंता का विषय है. डीपीसीसी ने एक अधिसूचना में कहा, '' आगामी दुर्गा पूजा के दौरान यमुना नदी या किसी अन्य जलाशय/तालाबों/घाटों सहित किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं होगी. मूर्ति विसर्जन अनुष्ठान घर में ही बाल्टी या कंटेनर में किया जा सकता है.'' Delhi Air Quality: ठंड की शुरुआत के साथ ही जहरीली होने लगी हवा, 75 फीसदी बच्चों को सांस फूलने की तकलीफ.
प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने कहा, '' मूर्ति विसर्जन के कारण पानी की गुणवत्ता में गिरावट को लेकर किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि इससे पानी के संदर्भ में वाहकता, जैव रासायनिक ऑक्सीजन की मांग और भारी धातु एकाग्रता के संबंध में गुणवत्ता में गिरावट आती है.''
डीपीसीसी ने कहा है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से मूर्ति बनाने के बजाय पारंपरिक मिट्टी जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जाना चाहिए. उसने कहा कि पीओपी से बनी मूर्तियों पर लगाए गए रसायनिक रंगों और पेंट के कारण जलीय जीवों के जीवन पर बेहद हानिकारक प्रभाव पड़ता है.
डीपीसीसी ने कहा कि मूर्तियों को रंगे जाने के लिए केवल पानी में घुलनशील और गैर विषैले प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए. डीपीसीसी ने इन निर्देशों के साथ ही संबंधित एजेंसियों को हर शुक्रवार को नियमों का उल्लंघनों करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है.
(इनपुट भाषा)