Cyclone Nivar: चक्रवाती तूफान 'निवार' का तमिलनाडु और पुडुचेरी के बाद आंध्रा प्रदेश में तबाही, 164 स्थानों पर 60 मिमी से ज्यादा बारिश
चक्रवाती तूफान 'निवार' ने पूरे आंध्रप्रदेश में तबाही मचाई. साथ ही राज्य में 164 जगहों पर गुरुवार सुबह तक पिछले 24 घंटों में 60 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई.
अमरावती, 26 नवंबर: चक्रवाती तूफान 'निवार' (Nivar) ने पूरे आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) में तबाही मचाई. साथ ही राज्य में 164 जगहों पर गुरुवार सुबह तक पिछले 24 घंटों में 60 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई. मौसम विभाग के अनुसार, नेल्लोर (Nellore) जिले में 5 जगहों - एपीएफटी कॉलोनी (APFT Colony) (302.7 मिमी), बोग्गुलामित्त वार्ड (Beggulamitt Ward) (272.7 मिमी), एमपीपी स्कूल (MPP School) (264 मिमी), समर स्टोरेज टैंक (Summer Storage Tank) (242.7 मिमी) और थाटीपरी (Thaatipari) (239.5 मिमी) में सबसे ज्यादा बारिश हुई. चित्तूर (Chittur) के जिला कलेक्टर नारायण भरत गुप्ता ने कहा, "बुधवार को जिले में औसतन 8.6 सेमी बारिश हुई. वरदयैपलेम (Vardaipelam), येरपेडु (Yerapedu), श्रीकालहस्ती (Shrikalhasti), सत्यवेदु (Satyavedu), नागुलपुरम (Nagulpuram), विजयपुरम (Vijayapuram) और नारायणवनम (Narayanvaram) मंडल में 12 सेमी से ज्यादा बारिश हुई."
भारी बाढ़ के कारण प्रमुख जलाशयों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है. कलेक्टर ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि लोगों को पानी का प्रवाह कम होने तक सड़कें पार नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, "हमारा आग्रह है कि जब तक स्थिति बेहतर नहीं हो जाती, एक या दो दिन के लिए घर में ही रहें, सुरक्षित रहें." निवार के चलते पश्चिम गोदावरी जिले के अधिकांश हिस्सों में बुधवार की रात से बारिश हो रही है. बुधवार की रात 9 बजे से भीमावरम और इसके आसपास के कई गांवों में जैसे सीसली (Sisli), बोंडाडा (Bondada), कल्ला (Kulla), कल्लाकुरु (Kallakuru), डोडदानपुड़ी (Doddanpuri), चिन्नापुल्लेरू (Chennapulleru) आदि में लगातार बारिश हो रही हैं .यह भी पढ़े: ‘निवार’ चक्रवात के समुद्र तट पर दस्तक देने की प्रक्रिया शुरू हुई :मौसम विभाग.
पश्चिम गोदावरी जिले के वाईएसआरसीपी (YSRCP) नेता तल्लुरि राज कुमार (Talluri Raj Kumar) ने कहा, "अभी गुरुवार दोपहर के 12.30 बजे हैं और अभी भी बारिश हो रही है. सर्दियों के मौसम में यहां बारिश होना बहुत असामान्य है. 2-3 दिनों तक लगातार बारिश होना झींगा के लिए ठीक नहीं है." यहां हजारों एक्वाकल्चर किसान राज्य के इस हिस्से में झींगा पालते हैं. खराब मौसम के कारण वे चिंतित हैं. इसके अलावा धान उपजाने वाले हजारों किसान भी निवार तूफान से परेशान हुए हैं.