'कोरोना कर्फ्यू खत्म होने के जोश में न खोएं होश'
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने तांडव मचाकर अब ढलान पर पहुंच गयी है. यूपी में कोरोना संक्रमण कम हुआ है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है.
लखनऊ, 10 जून : कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने तांडव मचाकर अब ढलान पर पहुंच गयी है. यूपी में कोरोना संक्रमण कम हुआ है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. ऐसे में लोगों को और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. डॉक्टरों का मानना है कि इस बात का ख्याल रहे कहीं कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) के खत्म होंने के जोश में होश न खोएं. अभी भी राज्य रोजाना में 700 के आसपास नए कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. ऐसे में अभी लोगों को पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना को लेकर बेपरवाह होने की जरूरत नहीं है.
केजीएमयू के कोविड प्रबंधन के सह प्रभारी और ट्रामा सेंटर के इंचार्ज डा. संदीप तिवारी का कहना है, '' राज्य में कोविड के कारण लगा आंशिक कर्फ्यू जरूर खुल गया है. संक्रमण कम हुआ है, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. लोगों को अभी कोविड-19 गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करते हुए सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाना जरूरी है. लोगों को भीड़ में जाने से बचना चाहिए.'' उन्होंने कहा, '' हम सभी को कोरोना के साथ जीना सीखना पड़ेगा. इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. तीसरी लहर कभी भी आ सकती है. जब तक टीकाकरण पूरा नहीं हो जाता तब तक संक्रमित होने की पूरी संभावना है. अभी 70-80 प्रतिषत लोगों का टीकारण होना है. यह भी पढ़ें : UP में सुस्त पड़ी कोरोना की चाल, सीएम योगी ग्राउंड जीरो पर रख रहें सीधी नजर, टीम-9 के साथ की अहम बैठक
ऐसे में किसी प्रकार की लापरवाही भारी पड़ सकती है. इस बात का ख्याल सबको रखना होगा.'' केजीएमयू के डाक्टर पूरन चन्द्र का कहना है, '' सावधानी हटी,दुर्घटना घटी. इस स्लोगन को हममें से अधिकांश लोगों ने कहीं न कहीं पढ़ा होगा. कोरोना के संक्रमण पर तो यह और भी लागू होता है. कोरोना संक्रमण की गंभीरता को समझे. कोरोना के मरीज कम हुए है. कोरोना खत्म नहीं हुआ है. खुद ही जागरूक होना चाहिए. ताकि वह, उनके परिचित एवं परिवार बीमारी से बचा रहे. ''
विषेषज्ञ कहते हैं कि राज्य में कोरोना संकट कम हो गया है. सुबह सात से रात सात बजे तक पांच दिन (शनिवार रविवार को छोड़) तक बाजार खुले रहेंगे. यह खुश होने के साथ बेहद सतर्क रहने का समय है. अगर आप सतर्क रहे तो कोई और लहर आने से रही. जरा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है. अगर अगले कुछ महीने तक लोग भी सतर्क रहें तो किसी और लहर के आने के पहले ही कोरोना का काम तमाम हो जाएगा. जीवन और जीविका के सम्मान में संक्रमण रोकने के लिए अन्य राज्यों की लॉक डाउन व्यवस्था से इतर योगी सरकार ने आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाया. टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट को मूलमंत्र मानकर सर्विलांस और टीकाकरण पर पूरा फोकस किया. यह सिलसिला जारी है. यह भी पढ़ें : बिहार में कोरोना से मौत में अचानक हुई वृद्धि पर सियासी घमासान
मुख्यमंत्री योगी का साफ निर्देश है कि स्थानीय प्रशासन कोरोना प्रोटोकाल के नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराए. छूट के बावजूद रात्रिकालीन बन्दी को प्रभावी बनाने के लिए शाम छह बजे से ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो जाएं. पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करें. कहीं भी भीड़ की स्थिति न बने. छूट के तय समय में बाहर निकलने वालों से अनिवार्य रूप से कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए.