नागपुर (महाराष्ट्र), 12 दिसंबर : राज्य के राजनीतिक गलियारों में अटकलें जोरों पर हैं कि महाराष्ट्र सरकार सेलिब्रिटी मैनेजर दिशा सालियान की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर सकती है, इससे शिवसेना (यूबीटी) में चिंता बढ़ गई है. एसआईटी से 8 जून, 2020 को सलियन की 'आकस्मिक मौत' में शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य यू.ठाकरे की कथित संलिप्तता की जांच करने की उम्मीद है. अब तक की जांच के अनुसार, बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बांद्रा स्थित फ्लैट में फांसी का फंदा लगाए जाने से एक हफ्ते पहले मलाड में एक इमारत की 14 वीं मंजिल से गिरने के बाद सलियन की मौत हो गई थी. इसने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था.
कुछ अपुष्ट रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि मुंबई पुलिस मंगलवार को अपनी उच्च-स्तरीय एसआईटी की घोषणा कर सकती है, शिवसेना (यूबीटी) के उप नेता और विधायक सचिन अहीर ने कहा कि पार्टी किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार है, “बशर्ते यह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाए.” उनके सहयोगी सुनील प्रभु ने एसआईटी की आलोचना करते हुए इसे सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए 'राजनीतिक प्रतिशोध' बताया. सत्तारूढ़ सहयोगी, शिवसेना के मंत्री शंभूराज देसाई और भारतीय जनता पार्टी के विधायक नितेश राणे ने सालियान मामले को गंभीर बताया है और कहा है कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए. यह भी पढ़ें : Ladli Behna Crying in MP: शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहनों से की मुलाकात, सीएम ना बनाए जाने पर फफक-फफक कर रोने लगी, देखें वीडियो
नितेश राणे ने पलटवार करते हुए पूछा कि पूर्व महा विकास अघाड़ी सरकार ढाई साल तक चुप क्यों रही और सालियान मामले की एसआईटी जांच का आदेश देने में विफल क्यों रही. संजय राउत, अरविंद सावंत, अनिल परब और भास्कर जाधव जैसे अन्य शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने भी विपक्ष को निशाना बनाने और उन्हें कुचलने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार पर हमला किया है, लेकिन कहा कि वे सफल नहीं होंगे क्योंकि मुंबई पुलिस पहले ही जांच कर चुकी है.